कोडरमा थर्मल पावर प्लांट में मजदूर की मौत के बाद हंगामा, मुआवजे और नौकरी की मांग को लेकर प्रदर्शन

कोडरमा: कोडरमा थर्मल पावर प्लांट में एक बार फिर हादसा हुआ है. इस हादसे में मजदूर की मौत हो गई है. प्लांट के अंदर बॉयलर में ग्रीसिंग का काम कर रहे फीटर कलेंदर सिंह काम के दौरान 20 फीट ऊपर से गिर गए जिसके कारण उनकी मौत हो गई. हादसा सोमवार देर रात की है. कहा जा रहा है कि फीटर कलेंदर सिंह बॉयलर में काम कर रहे थे इसी दौरान उनका पैर फिसल गया और वह 20 फीट नीचे गिर गए. जिसके बाद मजदूरों ने उन्हें उठाकर निजी अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया. सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने उसकी गंभीर हालत को देखते हुए रांची के रिम्स रेफर कर दिया, लेकिन रांची ले जाने के दौरान मजदूर की मौत हो गई.

मजदूर कलेंदर सिंह की मौत के बाद प्लांट के मजदूरों ने प्लांट का गेट जाम कर जमकर प्रदर्शन किया और पीड़ित परिवार के लिए उचित मुआवजे की मांग की. इसके अलावा पीड़ित परिवार से किसी एक को नौकरी दिए जाने की मांग को लेकर मजदूरों ने प्लांट प्रबंधक के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.

इस मौके पर मजदूर नेता विजय पासवान ने बताया कि कोडरमा थर्मल पावर प्लांट में मजदूरों की सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है. मजदूर भगवान भरोसे जान हथेली पर लेकर काम करते हैं और जब हादसा हो जाता है तो मुआवजे के नाम पर भी प्लांट प्रबंधक आनाकानी करती है. उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार को कम से कम 15 लाख रुपया मुआवजा और उसके परिवार के किसी एक सदस्य को नौकरी दिए जाने के बाद ही आंदोलन खत्म होगा. फीटर कलेंदर सिंह रामगढ़ के पतरातू के रहने वाले थे. उनके साथ काम कर रहे उनके सहयोगी छोटू महतो ने बताया कि हादसे के वक्त बॉयलर के अंदर उनके अलावा कलेंदर सिंह ही काम कर रहें थे.

कुछ दिन पहले ही कोडरमा थर्मल पावर प्लांट में चिमनी में लगे लिफ्ट की तार टूटने से चार लोगों की मौत हो गई थी. इसके अलावा चिमनी के ऊपर फंसे तकरीबन 20 मजदूरों को काफी मशक्कत के बाद रेस्क्यू कर नीचे लाया गया था. कोडरमा थर्मल पावर प्लांट परिसर में चिमनी का निर्माण किया जा रहा था. तकरीबन 80 मीटर ऊंचाई तक चिमनी का निर्माण किया जा चुका था. इसी दौरान निर्माण कार्य में लगे लिफ्ट की तार टूट गई और उसपर सवार 4 मजदूरों की मौत हो गई. हादसे में जिन 4 लोगों की मौत हुई वे सभी चिमनी के निर्माण कार्य का निरीक्षण करने ऊपर गए थे. लिफ्ट की तार टूटने के बाद अस्थाई रूप से चिमनी के बाहर हार्डनेस तार का सहारा लेकर मजदूरों को नीचे लाया गया था.