Bhopal : पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जहां अमरनाथ यात्रा को लेकर निराशा का माहौल बन रहा था, वहीं ऑपरेशन सिंदूर की सफलता ने लोगों में एक नया जोश भर दिया है। अब श्रद्धालुओं में यात्रा को लेकर अभूतपूर्व उत्साह देखने को मिल रहा है। इस साल अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी। यह यात्रा कुल 37 दिनों की होगी, जो पिछले साल के मुकाबले 15 दिन कम है। इसके बावजूद अनुमान है कि इस बार यात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 5.12 लाख से पार जा सकती है।
भोपाल स्थित हरिओमं शिवशक्ति अमरनाथ सेवा मंडल के अध्यक्ष शरद जैन ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद लोगों में विश्वास बढ़ा है और इस बार बड़ी संख्या में श्रद्धालु यात्रा में भाग लेंगे। मंडल ने अब तक 200 से अधिक श्रद्धालुओं का पंजीयन किया है। सीहोर जिले से बाबा अमरनाथ सेवा मंडल के अध्यक्ष राम भरोज यादव ने बताया कि जिले से हजारों श्रद्धालु जत्थों में 28 जून से यात्रा शुरू करेंगे। मंडल ने रेलवे से अतिरिक्त कोच की मांग भी की है। अब तक 300 से अधिक लोगों का पंजीकरण हो चुका है।
दिल्ली की टूरिज्म कंपनी में कार्यरत पूर्णिमा शर्मा ने बताया कि पहले विदेशी श्रद्धालुओं में संकोच था, लेकिन अब बुकिंग फिर से शुरू हो गई हैं। इसी तरह ‘इंडियन हॉलिडे’ कंपनी के गंगेश गुंजन ने कहा कि अब यात्रा को लेकर उत्साह पहले जैसा हो गया है और बुकिंग लगातार बढ़ रही हैं।
वहीं लखनऊ से श्रीगौरीशंकर अमरनाथ सेवा संगठन के अध्यक्ष अजय खन्ना ने कहा कि इस बार श्रद्धालुओं की संख्या पिछले साल से ज्यादा हो सकती है। लोगों में कोई डर नहीं है, बल्कि भगवान शिव के प्रति आस्था और बढ़ी है। श्रद्धालु बड़ी संख्या में श्रीअमरनाथजी श्राइन बोर्ड की वेबसाइट https://jksasb.nic.in पर पंजीकरण करा रहे हैं।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार और सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह अलर्ट हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह स्वयं सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं। हाल ही में जम्मू में हुई उच्च स्तरीय बैठक में उन्होंने यात्रा को पूरी तरह सुरक्षित और शांतिपूर्ण बनाने के निर्देश दिए।
इस बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव अटल डुल्लू समेत कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए थे। देशभर में अमरनाथ यात्रा को लेकर जबरदस्त उत्साह है। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और सरकार की सख्त सुरक्षा व्यवस्था के चलते श्रद्धालु भारी संख्या में इस धार्मिक यात्रा में हिस्सा लेने को तैयार हैं। उम्मीद है कि इस बार सारे पुराने रिकॉर्ड टूट सकते हैं।
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