Patna : पटना के कॉलेजों में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और शहर की प्रमुख यूनिवर्सिटी में दाखिले को लेकर जबरदस्त रुझान देखने को मिल रहा है। पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी (PPU), पटना यूनिवर्सिटी (PU) और आर्यभट्ट ज्ञान यूनिवर्सिटी (AKU) में नामांकन की प्रक्रिया तेज है।
पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी में 1.2 लाख सीटों पर नामांकन
पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी में इस साल अंडर ग्रेजुएट (UG) के लिए 1.2 लाख सीटें और पोस्ट ग्रेजुएट (PG) के लिए 12 हजार सीटें उपलब्ध हैं। यहां UG के 33 और PG के 24 कोर्स पढ़ाए जाते हैं। हर साल करीब 90 हजार छात्र UG और 11 हजार छात्र PG में एडमिशन लेते हैं। DSW राजीव रंजन ने मीडिया को बताया कि छात्रों की पसंद प्रतियोगी परीक्षाओं के अनुसार बदलती रहती है। जैसे UPSC या BPSC में किसी विषय में अच्छे अंक मिलते हैं, तो छात्र उसी विषय की ओर आकर्षित होते हैं।
PPU के टॉप 5 कोर्स
जिन कोर्स में सबसे अधिक नामांकन हो रहा है उनमें शामिल हैं:
- हिस्ट्री
- इलेक्ट्रॉनिक्स
- जूलॉजी
- मैथ्स
- बॉटनी
कम रुचि वाले कोर्स :
- अन्सिएंट हिस्ट्री
- पॉलिटिकल साइंस
- भोजपुरी
- हिंदी
- पाली
राजीव रंजन ने यह भी बताया कि जो कॉलेज पटना से दूर या ग्रामीण क्षेत्र में हैं, जैसे बाढ़, मसौढ़ी और बख्तियारपुर, वहां छात्रों का रुझान कम होता है। बच्चे शहर या शहर के आसपास के कॉलेज में ही पढ़ना चाहते हैं।
PPU में प्लेसमेंट की स्थिति कमजोर
यहां टेक्निकल एजुकेशन नहीं होने और अंग्रेजी ज्ञान की कमी के कारण छात्रों को प्लेसमेंट में दिक्कत आती है। हर साल करीब 1000 छात्रों का प्लेसमेंट होता है, लेकिन वोकेशनल कोर्स में फीस अधिक होने और प्लेसमेंट की गारंटी न होने के कारण छात्र रेगुलर कोर्स को प्राथमिकता देते हैं।
पटना यूनिवर्सिटी में साइंस कोर्स की सबसे ज्यादा डिमांड
पटना यूनिवर्सिटी में UG की 4500 और PG की 2000 सीटें हैं। अब तक 10,000 से ज्यादा आवेदन आए हैं, जिनमें सबसे ज्यादा रुचि साइंस कोर्स में दिखाई गई है। PU के DSW प्रो. अनिल कुमार ने मीडिया को बताया कि यहां हर साल UG और PG मिलाकर करीब 60% छात्रों का प्लेसमेंट होता है। जो छात्र वाकई पढ़ाई में रुचि रखते हैं, वे ही पटना यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेते हैं। यहां CBCS प्रणाली लागू है जिसमें 30% मार्क्स इंटरनल असेसमेंट से मिलते हैं, जिसे बहुत सख्ती से लागू किया जाता है।
PU के टॉप कोर्स :
- हिस्ट्री
- पॉलिटिकल साइंस
- इकोनॉमिक्स
- मैथ्स
- इंग्लिश
कम डिमांड वाले कोर्स:
- बंगाली
- मैथिली
- पर्शियन
- अरबी
- पुरातत्वशास्त्र
रिसर्च यूनिवर्सिटी है आर्यभट्ट ज्ञान यूनिवर्सिटी (AKU)
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल AKU पूरी तरह से रिसर्च पर आधारित यूनिवर्सिटी है। यहां सिर्फ PG लेवल के कोर्स ही चलाए जाते हैं। UG कोर्स AKU से एफिलिएटेड कॉलेजों में स्वयं वित्तपोषित (Self-financed) तरीके से होते हैं।
AKU में उपलब्ध कोर्स और सीटें :
- एम.टेक (नैनो साइंस एंड नैनोटेक्नोलॉजी) – 20 सीटें
- एमए (मास कम्युनिकेशन) – 30 सीटें
- एमए (इकोनॉमिक्स) – 30 सीटें
- एमए (ज्योग्राफिकल स्टडीज) – 50 सीटें
- एमए (रिवर स्टडीज) – 20 सीटें
इकोनॉमिक्स कोर्स सबसे लोकप्रिय
AKU के रजिस्ट्रार रामजी सिंह ने बताया कि इकोनॉमिक्स कोर्स की सभी सीटें हर साल भर जाती हैं, जबकि रिवर स्टडीज में रुचि कम रहती है। नैनो टेक्नोलॉजी और मास कम्युनिकेशन के छात्रों का प्लेसमेंट रेट सबसे ज्यादा है। यहां अब तक 400 से अधिक रिसर्च आर्टिकल इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित हो चुके हैं और दो छात्रों ने स्टार्टअप भी शुरू किए हैं। यूनिवर्सिटी में औसतन 50% प्लेसमेंट होता है।
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