Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    26 Oct, 2025 ♦ 12:47 AM
    • About Us
    • Contact Us
    • Webmail
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Telegram WhatsApp
    Johar LIVEJohar LIVE
    • होम
    • देश
    • विदेश
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुड़
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सराइकेला-खरसावां
      • साहेबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • राजनीति
    • बिहार
    • कारोबार
    • खेल
    • सेहत
    • अन्य
      • मनोरंजन
      • शिक्षा
      • धर्म/ज्योतिष
    Johar LIVEJohar LIVE
    Home»जोहार ब्रेकिंग»यूनेस्को ग्लोबल एजुकेशन मॉनिटरिंग रिपोर्ट के अनुसार, देश की 28 करोड़ जनसंख्या अशिक्षित, बिहार-तेलंगाना सबसे पीछे, जाने पूरी रिपोर्ट
    जोहार ब्रेकिंग

    यूनेस्को ग्लोबल एजुकेशन मॉनिटरिंग रिपोर्ट के अनुसार, देश की 28 करोड़ जनसंख्या अशिक्षित, बिहार-तेलंगाना सबसे पीछे, जाने पूरी रिपोर्ट

    Team JoharBy Team JoharSeptember 9, 2019No Comments4 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link

    JoharLive Desk

    नई दिल्ली: भारत में साक्षरता दर के आंकड़े बेहद चौंकाने वाले होने के साथ-साथ काफी परेशान करने वाले हैं। यूनेस्को की ग्लोबल एजुकेशन मॉनिटरिंग रिपोर्ट के अनुसार भारत को वर्ष 2050 में प्राइमरी शिक्षा, 2060 में माध्यमिक शिक्षा और 2085 में उच्च माध्यमिक शिक्षा का वैश्विक लक्ष्य हासिल करने में कामयाब होगा।
    अगर हम आजादी से वर्तमान साक्षरता दर का आंकलन करें तो स्थिति थोड़ी बेहतर हैं। आजादी के बाद से देश में साक्षरता का ग्राफ 57 प्रतिशत बढ़ा है लेकिन इसके बावजूद भी हम वैश्विक स्तर पर काफी पिछड़े हैं। 2011 में हुई जनगणना के अनुसार केरल (93.91%) भारत का सर्वाधिक साक्षर राज्य है। बिहार में यह दर जहां 63.82 फीसदी है वहीं तेलंगाना 66.50 फीसदी साक्षर है।

    इसके बाद लक्ष्यद्वीप (92.28%), मिजोरम (91.58%), त्रिपुरा (87.75 %) और गोवा (87.40%) भी सूची में शामिल हैं। बिहार और तेलंगाना दो ऐसे राज्य हैं जिनकी साक्षरता दर सबसे कम है।

    एक जानकारी के अनुसार भारत की साक्षरता दर विश्व की साक्षरता दर 84% से बेहद कम है। हालांकि देश में शुरू किए गए सर्व शिक्षा अभियान और साक्षर भारत के जरिए इस दिशा में सार्थक कदम उठाए जा गए हैं। वर्ष 2011 में हुई जनगणना के अनुसार भारत में साक्षरता दर 75.06% है। वहीं, आजादी के दौरान यानि वर्ष 1947 में यह महज 18 फीसदी थी। इस तरह हम कह सकते हैं कि हमारी स्थिति पहले के मुकाबले थोड़ी बेहतर हुई है।

    भारत में साक्षरता दर में भी लैंगिक असमानता देखने को मिल रही है। जिस प्रकार देश में आर्थिक असमानता है उसी प्रकार साक्षरता को लेकर भी महिलाओं और पुरुषों में गहरा अंतर देखने को मिलता है। देश में जहां पुरुषों की साक्षरता दर 82.14% है वहीं महिलाओं में यह केवल 65.46% है। महिलाओं में कम साक्षरता का मुख्य कारण अधिक आबादी और परिवार नियोजन की जानकारी का ना होना है।
    पड़ोसी देशों के मुकाबले भारत की साक्षरता दर की स्थिति अच्छी
    साक्षरता दर के मामले में भारत की स्थिति पड़ोसी देशों से थोड़ी अच्छी है। भले ही भारत साक्षरता दर के मामले में विकसित देशों की सूची में बहुत पीछे हैं, लेकिन विकासशील देशों की सूची में उसकी स्थिति बेहतर है।

    पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में जहां 79% पुरुष 61% महिला और 71% युवा साक्षर हैं, वहीं भारत में इसके मुकाबले पुरुष 88%, महिला 74% और युवा पीढ़ी 81% साक्षर हैं। अगर हम अपने एक और पड़ोसी देश यानि नेपाल की बात करें तो यह मुल्क भारत से बराबरी जरूर कर रहा है। यहां पुरुष 88%, महिलाएं 78% और युवा पीढ़ी 83 % साक्षर है।

    वहीं, गरीब देश माने जाने वाला भूटान भी भारत से ज्यादा पीछे नहीं है। यहां 80% पुरुष, 68% महिलाएं और 74% युवा साक्षर हैं। वही, साक्षरता दर के मामले में बांग्लादेश की हालत बहुत अच्छे नहीं है फिर भी वो भारत से बहुत ज्यादा पीछे नही है। यहां पुरुषों की साक्षरता दर 75%, महिलाओं की 78% और युवाओं की 77% है।

    एक रिपोर्ट के अनुसार छह करोड़ बच्चे आधारभूत शिक्षा से वंचित हैं। वहीं एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018 में भी हर पांच में से एक पुरुष और दो-तिहाई महिलाएं अनपढ़ है। वहीं, दुनियाभर में करीब 75.7 करोड़ लोग आज भी लिखने और पढ़ने में अक्षम हैं।

    भारत में इस वर्ष विश्व साक्षरता दिवस की थीम साक्षरता और कौशल विकास रखी गई है। इस लिहाज से इंडिया स्किल्स रिपोर्ट, 2018 बेहद महत्वपूर्ण है, जिसके मुताबिक पिछले पांच साल में भारतीय ग्रेजुएट्स की एम्प्लॉयएबिलिटी (रोजगार क्षमता) 34% से बढ़कर 45.6% हुई है।

    यह आंकड़ा देखने में उत्साहजनक लग सकता है, लेकिन सच्चाई यह भी है कि अभी भी युवाओं की आधी आबादी रोजगार के लिए तैयार नहीं है। इसका अर्थ है कि उनके पास डिग्री तो है, लेकिन काम करने के लिए जरूरी स्किल्स नहीं हैं।

    #National News #Online news Latest news
    Follow on Facebook Follow on X (Twitter) Follow on Instagram Follow on YouTube Follow on WhatsApp Follow on Telegram
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Previous Articleजम्मू कश्मीर और लद्दाख के लिए होंगे एक ही हाईकोर्ट, निरस्त हो जाएंगे राज्य के अपने 164 कानून, पढ़ें पूरी खबर
    Next Article असम के बाद महाराष्ट्र में लागू हो सकता है एनआरसी, जाने पूरी रिपोर्ट

    Related Posts

    जोहार ब्रेकिंग

    सैन्यकर्मी अब पारस अस्पताल में भी करा सकेंगे इलाज, हुआ एमओयू

    October 25, 2025
    जोहार ब्रेकिंग

    रांची में छठ महापर्व को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, असामाजिक तत्वों पर कड़ी नजर

    October 25, 2025
    गुमला

    गुमला के पारसा गांव में तीन महीने से बिजली आपूर्ति ठप, ग्रामीण परेशान

    October 25, 2025
    Latest Posts

    राष्ट्रीय लोक अदालत की तैयारी तेज, सभी जिलों के लिए निर्देश जारी

    October 25, 2025

    सैन्यकर्मी अब पारस अस्पताल में भी करा सकेंगे इलाज, हुआ एमओयू

    October 25, 2025

    रांची में छठ महापर्व को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, असामाजिक तत्वों पर कड़ी नजर

    October 25, 2025

    निर्लज्ज बनकर घाटशिला उपचुनाव में वोट मांग रहा इंडी गठगबंधन: बाबूलाल मरांडी

    October 25, 2025

    गुमला के पारसा गांव में तीन महीने से बिजली आपूर्ति ठप, ग्रामीण परेशान

    October 25, 2025

    © 2025 Johar LIVE. Designed by Forever Infotech. | About Us | AdSense Policy | Privacy Policy | Terms and Conditions | Contact Us

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.