Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    18 Jun, 2025 ♦ 5:03 PM
    • About Us
    • Contact Us
    • Webmail
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Telegram WhatsApp
    Johar LIVEJohar LIVE
    • होम
    • देश
    • विदेश
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुड़
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सराइकेला-खरसावां
      • साहेबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • राजनीति
    • बिहार
    • कारोबार
    • खेल
    • सेहत
    • अन्य
      • मनोरंजन
      • शिक्षा
      • धर्म/ज्योतिष
    Johar LIVEJohar LIVE
    Home»जोहार ब्रेकिंग»14 साल बनाम 5 साल: जानिए आदिवासी, अल्पसंख्यक और महिलाओं के नाम पर हो रहे हमलों में कितना है दम, आखिर काम हुआ भी है या नहीं
    जोहार ब्रेकिंग

    14 साल बनाम 5 साल: जानिए आदिवासी, अल्पसंख्यक और महिलाओं के नाम पर हो रहे हमलों में कितना है दम, आखिर काम हुआ भी है या नहीं

    Team JoharBy Team JoharNovember 29, 2019No Comments4 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link

    किसलय शानू

    रांची। झारखंड विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण की वोटिंग 30 नवंबर को होनी है। झारखंड में समूचा विपक्ष आदिवासी, महिला और अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर सरकार पर हमलावर रही है। वोटिंग ट्रेंड के लिहाज से आदिवासियों और अल्पसंख्यकों का भरोसा विपक्षी पार्टियों पर अधिक रहा है। यही वजह है कि संथाल से लेकर कोल्हान तक में झामुमो की पैठ रही है। लेकिन पहली बार ये वोट बैंक विपक्ष के हाथों सरकता दिखाई दे रहा है। यही वजह है कि महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के दावेदार हेमंत सोरेन अपने गढ़ में ही दो सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में जानना जरूरी होगा कि आखिर क्यों विपक्ष को यह डर सता रहा कि उनका वोट बैंक उनके हाथों से सरक सकता है।

    यूं समझिये मामला

    साल 2014 से 2019 तक पहली बार किसी सरकार ने अपना कार्यकाल पूरा किया है। झारखंड गठन के बाद 14 साल तक चले स्थिर सरकारों की दौर में आदिवासी, अल्पसंख्यक और महिलाओं के कल्याण के लिए जो काम हुए, उनकी तुलना बीते 5 सालों में हुए काम से की जाए तो 5 सालों का काम उससे पहले के 14 सालों पर भारी पड़ता है।

    अब क्या क्या कहते हैं आंकड़े
    आदिवासियों के लिए क्या हुआ

    साल 2014 तक जनजातियों के लिए बजट 11997 करोड़ का था, जनजातियों के लिए बजट अब दोगुना से ज्यादा बढ़कर 20764 करोड रुपए का है। पहली बार आदिवासी बहुल गांव में आदिवासी ग्राम विकास समिति जबकि दूसरे गांव में ग्राम विकास समिति का गठन किया गया इस समिति को 5 लाख रुपये तक के विकास कार्य करने के अधिकार दिए गए। आदिवासियों के लिए 2014 तक महज 12943 वनाधिकार पट्टे निर्गत किए गए थे । बीते 5 सालों में 61970 लोगों को 1 लाख 4066 एकड़ भूमि का पट्टा दिया गया। ऐसे में विपक्ष का ये कहना कि आदिवासियों, वनवासियों से उनका हक छीन जा रहा गलत साबित हुआ है।

    आदिम जनजाति परिवारों को मिल रहा अनाज

    झारखंड में पहली बार आदिम जनजाति परिवारों को मुख्यमंत्री डाकिया योजना के तहत 35 किलो अनाज प्रतिमाह दिया जा रहा है। सरकार इस योजना के तहत 73386 परिवारों को घर जाकर योजना का लाभ दे रही है। झारखंड में साल 2014 तक 647 सरना, मसना व जोहार स्थलों की घेराबंदी की गई थी, यह संख्या बढ़कर 1597 हो चुकी है।आदिवासी व दलित युवाओं को यूपीएससी सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास करने पर 1 लाख की प्रोत्साहन राशि भी सरकार दे रही है। आदिवासियों के लिए प्रथम अनुसूची जनजाति आयोग का गठन किया गया संथाली ओलचिपी लिपि को मान्यता देकर इसे प्रोत्साहित किया जा रहा है। झारखंड पुलिस में पहाड़िया समुदाय के लिए दो बटालियन भी गठित किए गए हैं।

    अल्पसंख्यकों को क्या मिला

    हज हाउस के निर्माण में बीते सरकारों में गड़बड़ी सामने आई थी। गड़बड़ी की जांच एसीबी के द्वारा भी की गई, जिसमें पूर्ववर्ती सरकार में मंत्री रहे एक राजनेता के बेटे की भूमिका सामने आई थी । सरकार ने गड़बड़ी कर बनाए गए हज हाउस को तोड़कर 55 करोड़ की लागत से नया हज हाउस बनवाया। 5 सालों में झारखंड से 13417 हज यात्रियों को निशुल्क हज पर भेजा गया है।

    आधी आबादी के 5 साल

    झारखंड सरकार ने पहली बार बेटियों की पढ़ाई के लिए मुख्यमंत्री सुकन्या योजना लागू की। इस योजना के तहत जन्म से 18 साल तक 7 किस्तों में 40 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इसके बाद विवाह के दौरान 30,000 रुपए सरकार दे रही है। योजना लागू होने के बाद 29 लाख बेटियों को इसका लाभ मिलेगा। विधवा और बेसहारा महिलाओं के लिए बाबा साहब भीमराव अंबेडकर आवास योजना बनाई गई है। इस योजना के तहत 30000 आवास बनाने के लक्ष्य थे। जिसमें से 10000 आवास बनाए जा चुके हैं । राज्य सरकार ने विधवा महिलाओं के लिए विधवा सम्मान पेंशन योजना भी शुरू की 171957 विधवा महिलाओं को 1000 प्रतिमाह पेंशन दिया जा रहा है। सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन जैसे वृद्धा पेंशन विधवा पेंशन दिव्यांग पेंशन को 600 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 1000 रुपये किया है।

    #Online news jharkhand Latest news
    Follow on Facebook Follow on X (Twitter) Follow on Instagram Follow on YouTube Follow on WhatsApp Follow on Telegram
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Previous Articleजमीन दलालों ने प्रतिष्टित कॉलेज की छात्रा के साथ की गैंगरेप, छात्रा के दोस्त के साथ भी की मारपीट, रांची पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते पकड़ा 12 आरोपियों को
    Next Article सलमान के साथ ‘मुन्ना बदनाम हुआ’ में डांस करेंगे प्रभुदेवा

    Related Posts

    झारखंड

    20 जून को होगी झारखंड कैबिनेट की बैठक

    June 18, 2025
    झारखंड

    BREAKING : भारी बारिश को लेकर 19 जून को बंद रहेंगे रांची के सभी स्कूल

    June 18, 2025
    झारखंड

    राजधानी में मूसलाधार बारिश को लेकर प्रशासन ने कई विभाग को दिये अहम निर्देश

    June 18, 2025
    Latest Posts

    20 जून को होगी झारखंड कैबिनेट की बैठक

    June 18, 2025

    प्रेमिका की गला रे’तकर ह’त्या, सूटकेस में भरकर फेंकी बॉडी, आरोपी गिरफ्तार

    June 18, 2025

    BREAKING : भारी बारिश को लेकर 19 जून को बंद रहेंगे रांची के सभी स्कूल

    June 18, 2025

    राजधानी में मूसलाधार बारिश को लेकर प्रशासन ने कई विभाग को दिये अहम निर्देश

    June 18, 2025

    चतरा में अफीम तस्करों को तगड़ा झटका, माल के साथ एक गिरफ्तार

    June 18, 2025

    © 2025 Johar LIVE. Designed by Forever Infotech.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.