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    Home»देश»130वें संविधान संशोधन विधेयक पर बोले अमित शाह- कोई जेल से सरकार नहीं चला सकता, जमानत के वापसी संभव
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    130वें संविधान संशोधन विधेयक पर बोले अमित शाह- कोई जेल से सरकार नहीं चला सकता, जमानत के वापसी संभव

    Kajal KumariBy Kajal KumariAugust 25, 2025Updated:August 25, 2025No Comments3 Mins Read
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    संविधान
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    New Delhi : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025 का मजबूती से बचाव किया है, जिसमें प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को पांच साल या उससे अधिक की सजा वाले मामलों में 30 दिन तक लगातार हिरासत में रहने पर स्वतः पद से हटाने का प्रावधान है। इस विधेयक को विस्तृत जांच के लिए 31 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा गया है, जो अपनी सिफारिशें मतदान से पहले सौंपेगी।

    मीडिया से बातचीत के दौरान शाह ने कहा कि यह विधेयक “संवैधानिक नैतिकता” और जनता के विश्वास को बनाए रखने के लिए है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह कानून सभी नेताओं पर समान रूप से लागू होगा, चाहे वे सत्ताधारी दल से हों या विपक्ष से। शाह ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह विधेयक गैर-भाजपा सरकारों को अस्थिर करने के लिए नहीं है।

    “कोई जेल से सरकार नहीं चला सकता”

    शाह ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं इस विधेयक में प्रधानमंत्री के पद को शामिल किया है। पहले इंदिरा गांधी 39वां संशोधन लाई थीं, जो प्रधानमंत्री को न्यायिक समीक्षा से बचाता था, लेकिन मोदी ने अपने खिलाफ ही यह संशोधन प्रस्तावित किया है।” उन्होंने आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल का उदाहरण देते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने नैतिक आधार पर केजरीवाल से इस्तीफे की बात कही थी, लेकिन मौजूदा कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं था। शाह ने कहा, “संविधान निर्माताओं ने ऐसी बेशर्मी की कल्पना भी नहीं की थी कि कोई मुख्यमंत्री जेल से सरकार चलाएगा।”

    विपक्ष की आलोचनाओं का जवाब

    विपक्ष ने इस विधेयक को गैर-भाजपा सरकारों को अस्थिर करने का हथियार बताया है। शाह ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि अदालतें किसी भी दुरुपयोग को रोकेंगी। उन्होंने कहा, “यूपीए सरकार के दौरान भी अदालतों ने कई जांचों के आदेश दिए थे। कोई भी अदालत में जाकर FIR दर्ज करने की मांग कर सकता है।” केजरीवाल के मामले में शाह ने स्पष्ट किया कि उन्हें 30 दिनों के भीतर जमानत मिल गई थी, लेकिन नैतिकता के आधार पर उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए था।

    जमानत के बाद पद पर वापसी संभव

    शाह ने यह भी स्पष्ट किया कि विधेयक निष्पक्षता सुनिश्चित करता है। यदि कोई नेता 30 दिनों के बाद जमानत हासिल कर लेता है, तो वह दोबारा शपथ लेकर अपने पद पर वापस आ सकता है। उन्होंने कहा, “हमारा मुख्य मुद्दा यह है कि कोई जेल से सरकार नहीं चला सकता। जमानत मिलने के बाद वे अपने पद पर लौट सकते हैं।”

    जेपीसी बहिष्कार पर तृणमूल कांग्रेस को जवाब

    तृणमूल कांग्रेस के जेपीसी के बहिष्कार पर शाह ने कहा कि सरकार ने उन्हें भाग लेने का पूरा मौका दिया है। उन्होंने कहा, “हम उनसे अनुरोध कर रहे हैं कि वे जेपीसी में शामिल हों। संसद के नियमों को नकारकर अपनी शर्तें थोपना सही नहीं है। अगर वे शामिल नहीं होते, तो जनता सब देख रही है।”

    शाह ने जोर देकर कहा कि यह विधेयक महत्वपूर्ण है और जेपीसी में सभी दलों की राय सुनी जानी चाहिए। उन्होंने कहा, “अगर विपक्ष अगले चार साल तक इस विधेयक का समर्थन नहीं करता, तो क्या देश रुक जाएगा? हम उन्हें अपनी राय देने का मौका दे रहे हैं, अगर वे ऐसा नहीं करते, तो यह उनकी पसंद है।”

    Also Read : झारखंड विधानसभा मॉनसून सत्र : कार्यवाही शुरू होते ही वेल में हंगामा, सदन स्थगित

    130th Constitutional Amendment Bill 130वें संविधान संशोधन विधेयक पर बोले अमित शाह- कोई जेल से सरकार नहीं चला सकता Amit shah Amit Shah said on the 130th Constitutional Amendment Bill- No one can run the government from jail अमित शाह
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