झारखंड में गौवंश तस्करो ने तैयार किया बड़ा सिंडिकेट, प्रशासन भी बनी तस्करों की मददगार

झारखंड में गोवंश तस्करी करने वाले गिरोह ने बड़ा सिंडिकेट तैयार किया है। इस सिंडिकेट के लोगों की प्रशासन के लोगों से भी मिलीभगत है। सीआईडी के एक गोपनीय रिपोर्ट से गो तस्करी से जुड़े रैकेट की जानकारी मिली है। सीआईडी ने गो तस्करी पर एक रिपोर्ट तैयार कर राज्य पुलिस मुख्यालय को भेजी है। इसी रिपोर्ट के आधार पर आईजी अभियान आशीष बत्रा ने रांची, जमशेदपुर के एसएसपी, लोहरदगा, लातेहार, पलामू, चतरा, कोडरमा, गिरिडीह, जामताड़ा और साहेबगंज के एसपी को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है। राज्य पुलिस के आईजी अभियान ने जिलों के एसपी को आदेश दिया है कि गो तस्करी करने वालों के खिलाफ विधि सम्मत निरोधात्मक कार्रवाई करें।
सीआईडी के मुताबिक, तस्करी के लिए तैयार किया गया सिंडिकेट
सीआईडी के रिपोर्ट में जिक्र है कि बिहार, बंगाल, उत्तरप्रदेश समेत अन्य राज्यों में सक्रिय गोवंश तस्करों की सक्रियता झारखंड में बढ़ी है। जमशेदपुर के एक बड़े गोवंश तस्कर ने हाल के दिनों में गोवंश की तस्करी करने वाले छोटे- बड़े व्यापारियों व गाड़ी मालिकों से संपर्क किया । इसके बाद इनके द्वारा एक सिंडिकेट तैयार किया गया है। इस सिंडिकेट में बड़े तस्कर ने मुन्ना, अमजद, भोला, भोला सिपाही, लंबू भोला, रिंटू उर्फ मिंटू, मंजर, बाबर, बच्चू, भोलू और बेड़ो रांची के आफताब आलम को शामिल किया गया है।
कैसे प्रशासन बनेगी मददगार
सीआईडी की रिपोर्ट के मुताबिक, बड़े तस्कर ने सभी रास्तों में प्रशासन को मैनेज करने की बात सिंडिकेट सदस्यों को कही है। सभी गाड़ी मालिकों व दूसरे व्यापारियों की तीन से चार गाड़ी प्रत्येक दिन पार कराने पर सहमति बनायी गई है। गोवंश तस्करी के लिए सभी वाहनों को टोकन दिया जाऐगा। इस टोकन में गाड़ी का नंबर भी अंकित रहेगा। जिन रास्ते से ये गाड़ियां गुजरेंगी, उस रास्ते में प्रशासन के लोगों को गाड़ी का नंबर मैसेज कर दिया जाएगा। बंगाल बोर्डर में सभी गाड़ियों को टोकन जमा करना होगा। सीआईडी को जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक, इस कार्य के लिए जगह जगह पर मोबाइल भी उपलब्ध कराने की बात सामने आयी है।
कौन कौन कहां सक्रिय
रिपोर्ट के मुताबिक, आफताब आलम उर्फ माल्टा रांची के बेड़ो में गोवंश तस्करी में सक्रिय है। इटकी का मो आजाद कुरैशी भी इस व्यापार में शामिल है। इस गिरोह के द्वारा चान्हों, कुर्गी, सीठियो, नयासराय, लोहरदगा, कुडू, लातेहार, बालूमाथ एवं अन्य ग्रामीण इलाकों में गोवंश की तस्करी की जा रही है।