Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    9 Nov, 2025 ♦ 12:10 AM
    • About Us
    • Contact Us
    • Webmail
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Telegram WhatsApp
    Johar LIVEJohar LIVE
    • होम
    • देश
    • विदेश
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुड़
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सराइकेला-खरसावां
      • साहेबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • राजनीति
    • बिहार
    • कारोबार
    • खेल
    • सेहत
    • अन्य
      • मनोरंजन
      • शिक्षा
      • धर्म/ज्योतिष
    Johar LIVEJohar LIVE
    Home»धर्म/ज्योतिष»भाई-बहन के अपार प्रेम और समर्पण का प्रतीक है भाईदूज, जानें क्या है मान्यता
    धर्म/ज्योतिष

    भाई-बहन के अपार प्रेम और समर्पण का प्रतीक है भाईदूज, जानें क्या है मान्यता

    Team JoharBy Team JoharOctober 28, 2019No Comments2 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link

    JoharLive Desk

    भाईदूज या भैयादूज का त्‍योहार भाई-बहन के अपार प्रेम और समर्पण का प्रतीक है।
    भाईदूज का त्योहार कार्तिक मास की द्वितीया को मनाया जाता है। यह त्योहार भाई बहन के स्नेह को सुदृढ़ करता है। यह त्योहार दीवाली के दो दिन बाद मनाया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने भाइयों को घर पर आमंत्रित कर उन्‍हें तिलक लगाकर भोजन कराती हैं। वहीं, एक ही घर में रहने वाले भाई-बहन इस दिन साथ बैठकर खाना खाते हैं। मान्‍यता है कि भाईदूज के दिन यदि भाई-बहन यमुना किनारे बैठकर साथ में भोजन करें तो यह अत्‍यंत मंगलकारी और कल्‍याणकारी होता है।
    भाईदूज को यम द्वितीया भी कहा जाता है। इस दिन मृत्‍यु के देवता यम की पूजा का भी विधान है।भाईदूज पर बहनें भाई की लम्बी आयु की प्रार्थना करती हैं। इस दिन को भ्रातृ द्वितीया भी कहा जाता है। इस पर्व का प्रमुख लक्ष्य भाई तथा बहन के पावन संबंध एवं प्रेमभाव की स्थापना करना है।भाईदूज के दिन बहनें रोली एवं अक्षत से अपने भाई का तिलक कर उसके उज्ज्वल भविष्य के लिए आशीष देती हैं। साथ ही भाई अपनी बहन को उपहार देता है।
    भाईदूज के दिन भाई की हथेली पर बहनें चावल का घोल लगाती हैं उसके ऊपर सिन्दूर लगाकर कद्दू के फूल, पान, सुपारी मुद्रा आदि हाथों पर रखकर धीरे धीरे पानी हाथों पर छोड़ते हुए कहती हैं जैसे “गंगा पूजे यमुना को यमी पूजे यमराज को, सुभद्रा पूजा कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई की आयु बढ़े”। इस दिन शाम के समय बहनें यमराज के नाम से चौमुख दीया जलाकर घर के बाहर रखती हैं। इस समय ऊपर आसमान में चील उड़ता दिखाई दे तो बहुत ही शुभ माना जाता है। माना जाता है कि बहनें भाई की आयु के लिए जो दुआ मांग रही हैं उसे यमराज ने कुबूल कर लिया है या चील जाकर यमराज को बहनों का संदेश सुनाएगा।

    #Online news Bhai dooj Dharmik news
    Follow on Facebook Follow on X (Twitter) Follow on Instagram Follow on YouTube Follow on WhatsApp Follow on Telegram
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Previous Articleगिरिडीह : तालाब में नहाने के दौरान डूबने से दो बच्चियों की मौत
    Next Article झारखंड : आगामी विधानसभा चुनाव में विपक्ष का नाम नहीं होगा : प्रतुल शाहदेव

    Related Posts

    धर्म/ज्योतिष

    Aaj Ka Rashifal, 08 November 2025 : जानें किस राशि का क्या है आज राशिफल

    November 8, 2025
    धर्म/ज्योतिष

    Aaj Ka Rashifal, 07 November 2025 : जानें किस राशि का क्या है आज राशिफल

    November 7, 2025
    धर्म/ज्योतिष

    Aaj Ka Rashifal, 06 November 2025 : जानें किस राशि का क्या है आज राशिफल

    November 6, 2025
    Latest Posts

    सीसीएल में सतर्कता महोत्सव-2025 का रंगारंग समापन, प्रतिभाओं ने बिखेरा जलवा

    November 8, 2025

    हेमंत जी ने जेल जाना स्वीकार किया, पर समझौता नहीं किया : कल्पना सोरेन

    November 8, 2025

    75 महिलाओं को मिला सिलाई मशीन, विस अध्यक्ष बोले- सरकार तत्परता से कर रही काम

    November 8, 2025

    डीजीपी रहे अनुराग गुप्ता के पूरे कार्यकाल की जांच कराने का साहस दिखाएं सीएम हेमंत : बाबूलाल

    November 8, 2025

    नंबर प्लेट में हेराफेरी का पर्दाफाश, रांची में दो चोरी की बाइक जब्त

    November 8, 2025

    © 2025 Johar LIVE. Designed by Forever Infotech. | About Us | AdSense Policy | Privacy Policy | Terms and Conditions | Contact Us

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.