Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    9 May, 2025 ♦ 3:50 AM
    • About Us
    • Contact Us
    • Webmail
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Telegram WhatsApp
    Johar LIVEJohar LIVE
    • होम
    • देश
    • विदेश
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुड़
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सराइकेला-खरसावां
      • साहेबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • राजनीति
    • बिहार
    • कारोबार
    • खेल
    • सेहत
    • अन्य
      • मनोरंजन
      • शिक्षा
      • धर्म/ज्योतिष
    Johar LIVEJohar LIVE
    Home»झारखंड»कोडरमा: 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति की मांग को लेकर बैनर पोस्टर लेकर रैली, मुख्यमंत्री सोरेन को उनके चुनावी वादे याद दिलाए
    झारखंड

    कोडरमा: 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति की मांग को लेकर बैनर पोस्टर लेकर रैली, मुख्यमंत्री सोरेन को उनके चुनावी वादे याद दिलाए

    Team JoharBy Team JoharMarch 12, 2022No Comments2 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link

    कोडरमा: झारखंड में 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति लागू करने और बाहरी भाषा की जगह स्थानीय भाषा को प्रमुखता दिए जाने की मांग को लेकर आंदोलन बड़ा रूप लेता जा रहा है. कोडरमा में भी इसे लेकर विरोध के स्वर तेज हो गए हैं. झारखंड भाषा संघर्ष समिति के बैनर तले चंदवारा प्रखंड के जामुखाडी गांव में सैकड़ों लोगों ने रैली निकाली और हाथों में बैनर पोस्टर लेकर 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति को जल्द से जल्द लागू करने की मांग की. प्रदर्शन के दौराने लोगों ने कहा कि 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति लागू होने से झारखंड के मूल निवासियों को लाभ मिलेगा.

    लोगों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उनके चुनावी वादे याद दिलाए और कहा कि 2 साल बीत गए हैं लेकिन स्थानीय नीति अब तक लागू नहीं किया जा सका है. लोगों ने कहा कि भोजपुरी और मगही से कोडरमा के लोगों का कोई वास्ता नहीं है. ऐसे में यहां जरूरत है स्थानीय भाषा खोरठा को लागू किए जाने की. 1932 का खतियान के आधार पर स्थानीय नीति लागू करने और भोजपुरी, मगही और अंगिका भाषा की जगह स्थानीय भाषा को लागू करने की पुरजोर मांग हो रही है, इसे लेकर सियासत भी होने लगी है.

    1932 का खतियान इतिहास से जुड़ा है. बिरसा मुंडा आंदोलन के बाद 1909 छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम बना, जिसे सीएनटी एक्ट (CNT Act) के नाम से भी जाना जाता है. इस एक्ट में मुंडारी खूंटकट्टीदार का प्रावधान किया गया, जिसके जरिए आदिवासी के जमीनों को बचाने की कोशिश की गई. इस एक्ट में प्रावधान था कि गैर आदिवासी, आदिवासियों की जमीन नहीं ले सकते हैं. यह खतियान आज भी यहां का संविधान है. हालांकि इसमें कुछ संसोधन भी हुए हैं. झारखंड के गठन के बाद से ही 1932 के खतियान का जिक्र होता आया है. जिसका सीधा तात्पर्य है कि वही लोग झारखंड के मूल निवासी हैं, जिनके पूर्वजों के नाम 1932 के खतियान में शामिल है.

    Jharkhand news
    Follow on Facebook Follow on X (Twitter) Follow on Instagram Follow on YouTube Follow on WhatsApp Follow on Telegram
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Previous Articleसीबीएसई ने दसवीं क्लास के पहले टर्म की परीक्षा का परिणाम जारी किया
    Next Article नरकोपी के रेलवे ट्रैक पर लाश बरामद, पोस्टमार्टम के लिए RIMS भेजा गया

    Related Posts

    झारखंड

    INS विक्रांत से हमला, कराची पोर्ट तबाह

    May 9, 2025
    जामताड़ा

    ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर चेंबर ऑफ कॉमर्स ने मनाया जश्न, गुलाल लगाया, मिठाई खिलाई

    May 8, 2025
    जोहार ब्रेकिंग

    पति-पत्नी के झगड़े में बीच बचाव करने गए भाई को मा’रा छु’रा, फिर…

    May 8, 2025
    Latest Posts

    अब साइबर हमला करने की फिराक में कायर पाकिस्तान, अलर्ट जारी

    May 9, 2025

    INS विक्रांत से हमला, कराची पोर्ट तबाह

    May 9, 2025

    भारत में 8 हजार से अधिक X अकाउंट होंगे ब्लॉक

    May 9, 2025

    भारत ने मुजफ्फराबाद पर किया काउंटर अटैक, दहला इलाका

    May 8, 2025

    भारत ने तबाह किया पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम

    May 8, 2025

    © 2025 Johar LIVE. Designed by Forever Infotech.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.