Ranchi : राज्य की बहुचर्चित JSSC-CGL परीक्षा पेपर लीक मामले में झारखंड हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। इसी बीच नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने सरकार और उसकी जांच एजेंसियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
मरांडी ने कहा कि न्यायालय में मामला लंबित होने के बावजूद सरकार और CID छात्रों कुणाल प्रताप और प्रकाश पोद्दार को डराने-धमकाने में लगी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि CID द्वारा इन छात्रों को नोटिस भेजना सरकार की नाकामी और भ्रष्टाचार छिपाने का प्रयास है।
मरांडी ने यह भी कहा कि नेपाल में पेपर पढ़ने गए 28 छात्रों में से 10 सफल हुए, लेकिन CID ने उनमें से केवल एक को ही आरोपी बनाया। उन्होंने सवाल किया कि बाकी नौ सफल छात्रों को क्यों नहीं पकड़ा गया। इसके साथ ही उन्होंने कोर्ट में यह उठाया कि मनीष और दीपिका के बयान पर अधिकारी संतोष मस्ताना को जेल भेजा गया, जबकि ये दोनों छात्र खुद परीक्षा में सफल हैं और कोर्ट में इंटरवेनर भी बने हुए हैं।

नेता प्रतिपक्ष ने CID की जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या CCTV फुटेज, कॉल डंप और नेपाल के होटलों की फिजिकल जांच सही ढंग से की गई है।
मरांडी ने कहा, “युवाओं की आवाज़ दबाने की कोशिशें कभी सफल नहीं हुईं। झारखंड के युवा अब जाग चुके हैं और अन्याय के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने को तैयार हैं।” उन्होंने CID अधिकारियों से अपील करते हुए कहा कि वे निष्पक्ष जांच करें, ताकि भविष्य में हाईकोर्ट से CBI जांच का आदेश आने पर उनके दामन पर दाग न लगे।
झारखंड सरकार की तानाशाही का एक और उदाहरण:
राज्य की बहुचर्चित JSSC-CGL परीक्षा पेपर लीक प्रकरण में माननीय झारखंड हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रखा है।
परंतु चौंकाने वाली बात यह है कि जब यह मामला न्यायालय के अधीन है, तब भी झारखंड सरकार… pic.twitter.com/CXuUipqFus
— Babulal Marandi (@yourBabulal) November 5, 2025

