Johar Live Desk : इस साल कार्तिक पूर्णिमा का पर्व 5 नवंबर को मनाया जाएगा। यह पर्व महापुण्यदायक शिववास योग और सर्वार्थसिद्धि योग के संयोग में मनाया जाएगा, जिससे इसका धार्मिक महत्व और भी बढ़ गया है।
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व
कार्तिक पूर्णिमा का उत्सव पांच दिनों तक चलता है। यह हरि प्रबोधिनी एकादशी से शुरू होकर पूर्णिमा तिथि पर समाप्त होता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था, इसलिए इसे त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहा जाता है।
विष्णु पुराण में उल्लेख है कि इस दिन भगवान विष्णु ने मत्स्यावतार धारण किया था।
शुभ योग और तिथि
इस बार की कार्तिक पूर्णिमा में आश्विन नक्षत्र, सिद्धि योग, शिववास योग और सर्वार्थसिद्धि योग का संयोग बन रहा है। ये योग इसे अत्यंत शुभ और सौभाग्यदायक बनाते हैं।

- पूर्णिमा तिथि प्रारंभ : 4 नवंबर, रात्रि 09:33 बजे
- पूर्णिमा तिथि समाप्त : 5 नवंबर, संध्या 07:16 बजे
गंगा स्नान और दीपदान का महत्व
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, ब्रह्मा, विष्णु, शिव, अंगिरा और आदित्य ने कार्तिक पूर्णिमा को “महापवित्र पर्व” बताया है। इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य और दीपदान करने से अनेक गुना पुण्य प्राप्त होता है। पूर्णिमा के दिन तीर्थों में स्नान, विशेषकर पुष्कर तीर्थ में स्नान और दीपदान से दस यज्ञों के समान फल प्राप्त होता है। संध्या समय त्रिपुरोत्सव मनाकर दीपदान करने से पुनर्जन्म और पापों से मुक्ति मिलती है। इस दिन शिवा, सम्भूति, प्रीति, अनुसूया और क्षमा नामक छह कृत्तिकाओं की पूजा करने का भी विशेष महत्व है।
गाय, घी, अनाज और वस्त्र का दान करने से समृद्धि बढ़ती है।
राशिनुसार कार्तिक पूर्णिमा के उपाय
मेष राशि :- कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर स्नान आदि कार्यों से निवृत्त होकर शिवलिंग पर दूध अर्पित करें। साथ ही सफेद पुष्प भी अर्पित करें ते हुए ऊँ नमः शिवाय मंत्र का 21 बार जप करें।
वृष राशि :- अपने कार्य या व्यापार की गति को तेजी से बढ़ाना चाहते हैं, तो विष्णु के साथ गणेश के मंत्र का जाप करें। गेहूं से भरे बर्तन को मंदिर में दान कर दें।
मिथुन राशि :- सुबह स्नान आदि के बाद 11 बेलपत्र लेकर, उन पर चंदन से ऊँ लिखकर, उनकी माला बनाएं और शिवलिंग पर चढ़ाएं। सारे कार्य पूर्ण होगा।
कर्क राशि :- भय से छुटकारा पाना चाहते हैं और अपने जीवन में नयी ऊर्जा का संचार करना चाहते हैं, तो आपको किसी नदी, तालाब के पास या अपने घर में ही चौदह दीपक जलाएं और उनमें से एक दीपक नल के पास जरूर जलाएं।
सिंह राशि :- जीवन में सगलता के लिए आज सुबह स्नान आदि के बाद विष्णु और शिवलिंग की विधिवत पूजा करें। साथ ही शिवजी के ‘ऊँ नमः शिवाय मंत्र का 11 बार जप करें।
कन्या राशि :- श्री विष्णु की पूजा के समय एक पीले रंग का कपड़ा अर्पित करें। विष्णु की विधिवत पूजा करें।
तुला राशि :- विष्णु पूजन से जीवन में धन-धान्य और भौतिक सुखों में बढ़ोतरी होगी साथ ही शिव मन्दिर जाकर पहले शिवलिंग का जल से अभिषेक करें और फिर भगवान को धतूरा और भांग चढ़ाएं।
वृश्चिक राशि :- बेसन के 21 लड्डू भगवान विष्णु को लड्डू चढ़ाते समय ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र बोलते हुए पूरे 21 लड्डू भगवान को चढ़ाएं और कपूर से भगवान की आरती करें।
धनु राशि :- 11 बेलपत्र के साथ थोड़े-से तिल शिव जी को अर्पित करें। साथ ही गाय को जौ के आटे से बनी रोटियां खिलाएं।
मकर राशि :- एक पीपल का पत्ता विष्णु के चरणों में ॐ नमो भगवते नारायणाय कहते हुए अर्पित करें।साथ ही किसी पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं।
कुंभ राशि :- दूध में थोड़ा-सा केसर और कुछ फूल डालकर शिवलिंग पर चढ़ाने चाहिए। साथ ही शिव जी के ‘ऊँ नमः शिवाय‘ मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए।
मीन राशि : – भगवान विष्णु की विधि-पूर्वक पूजा करने के बाद केले के वृक्ष में जल अर्पित करें। शुद्ध घी का दीपक जलाएं।
प्रसिद्ध ज्योतिष
आचार्य प्रणव मिश्रा
आचार्यकुलम, अरगोड़ा, राँची
8210075897
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