Johar Live Desk : भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस एमके1ए ने आज अपनी पहली सफल उड़ान भरी। यह ऐतिहासिक उड़ान हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की नासिक यूनिट में पूरी की गई। यह भारत की रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह खुद मौजूद रहे। उन्होंने तेजस एमके1ए की तीसरी प्रोडक्शन लाइन और HTT-40 ट्रेनर एयरक्राफ्ट की दूसरी प्रोडक्शन लाइन का उद्घाटन भी किया।
राजनाथ सिंह ने कहा, “आज की उड़ान आत्मनिर्भर भारत की ताकत को दिखाती है। HAL नासिक देश की रक्षा क्षमता को मजबूती देने वाला केंद्र बन चुका है। मैंने आज तेजस, सुखोई Su-30 और HTT-40 को उड़ते देखा, तो गर्व से मेरा सीना चौड़ा हो गया।”

रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य
रक्षा मंत्री ने बताया कि पहले भारत 70% तक रक्षा उपकरणों के लिए विदेशों पर निर्भर था, लेकिन अब 65% से ज्यादा रक्षा उत्पादन देश में ही हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले समय में यह आंकड़ा 100% तक पहुंचे।
राजनाथ सिंह ने यह भी बताया कि भारत का रक्षा निर्यात 25 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो कुछ साल पहले केवल 1 हजार करोड़ रुपये था। अब सरकार ने 2029 तक 3 लाख करोड़ रुपये के घरेलू रक्षा निर्माण और 50 हजार करोड़ रुपये के रक्षा निर्यात का लक्ष्य रखा है।
83 तेजस एमके1ए होंगे वायुसेना में शामिल
HAL ने जानकारी दी है कि अगले चार सालों में भारतीय वायुसेना को 83 तेजस एमके1ए लड़ाकू विमान दिए जाएंगे। फिलहाल इंजन की आपूर्ति में देरी के कारण थोड़ी रुकावट आई है।
अब नासिक में भी उत्पादन लाइन शुरू होने से हर साल 24 तेजस विमान तैयार किए जा सकेंगे नासिक में 8 और बंगलुरु की दो लाइन से 16 विमान सालाना बनेंगे।