Ranchi : झारखंड में आठवीं, नौवीं और 11वीं की परीक्षाएं पहले की तरह अब भी झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) ही कराएगा। हाल ही में हुई बोर्ड की बैठक में यह साफ कर दिया गया कि आने वाले वर्षों में भी इन कक्षाओं की जिम्मेदारी JAC के पास ही रहेगी।
अब तक ये परीक्षाएं OMR शीट पर होती थीं, लेकिन साल 2026 से इसमें बदलाव किया जाएगा। नई व्यवस्था के तहत परीक्षाएं लिखित रूप में होंगी, जिसमें ऑब्जेक्टिव (बहुविकल्पीय), लघु उत्तरीय और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न शामिल होंगे।
पहले चर्चा थी कि इन परीक्षाओं को JCERT को सौंपा जा सकता है, लेकिन JAC के सदस्यों ने इसका विरोध किया। उनका कहना था कि 2001 की नियमावली के मुताबिक वोट संबंधी परीक्षा कराने का अधिकार सिर्फ JAC को है। इसी मुद्दे पर JAC अध्यक्ष डॉ. नटवा हांसदा और अन्य सदस्य मुख्यमंत्री से मिलने प्रोजेक्ट भवन पहुंचे।

मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताते हुए पूछा कि जब बाकी सारी परीक्षाएं JAC ही कराता है, तो इन तीन कक्षाओं की परीक्षाएं किसी और को क्यों दी जाएं? बाद में पता चला कि JAC के ही एक पदाधिकारी ने काम के बोझ का हवाला देकर सरकार को गलत जानकारी दी थी। इसके बाद सरकार ने फिर से निर्देश दिया कि ये परीक्षाएं JAC ही कराएगा।
बैठक में विधायक मथुरा महतो, नागेंद्र, आलोक सोरेन और JAC के सदस्य डॉ. प्रसाद पासवान, अजय गुप्ता, मो. सिराजुद्दीन, अरुण महतो और मो. अली अराफात भी मौजूद थे।
JAC अध्यक्ष ने साफ कहा कि परिषद पूरी तरह सक्षम है और भविष्य में भी परीक्षा आयोजित करता रहेगा। उन्होंने सरकार को भरोसा दिलाया कि JAC हमेशा निर्देशों का पालन करेगा।
इस मुद्दे पर वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने भी सख्त रुख अपनाया है। मोर्चा के सदस्यों ने चेतावनी दी कि अगर परीक्षा कराने की जिम्मेदारी JAC से हटाकर किसी और संस्था को दी गई तो वे इसका जोरदार विरोध करेंगे सड़क से लेकर विधानसभा तक।
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