Patna : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 नजदीक आते ही चंपारण की राजनीति गरमा गई है। एनडीए और महागठबंधन दोनों चंपारण में अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटे हैं। 23 सितंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पश्चिम चंपारण में कई विकास योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। अब कल यानी 26 सितंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बेतिया पहुंच रहे हैं। दूसरी ओर, कांग्रेस ने उसी दिन पूर्वी चंपारण में प्रियंका गांधी की रैली आयोजित की है।
SP ने निरीक्षण कर दिए निर्देश
अमित शाह बेतिया के कुमारबाग स्थित गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज के ऑडिटोरियम में सारण-चंपारण प्रमंडल के 10 जिलों के भाजपा कार्यकर्ताओं से मिलेंगे। वे बूथ स्तर की चुनावी तैयारियों की समीक्षा करेंगे और कार्यकर्ताओं में जोश भरेंगे। प्रशासन ने सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। बेतिया एसपी ने खुद स्थल का निरीक्षण कर जरूरी निर्देश दिए।
नीतीश और शाह का चंपारण फोकस
नीतीश कुमार ने विकास योजनाओं के जरिए जनता को लुभाने की कोशिश की, वहीं अमित शाह संगठन को मजबूत करने पर ध्यान दे रहे हैं। एनडीए का यह तालमेल गठबंधन की एकजुटता का संदेश देता है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि चंपारण की सीटें सत्ता के समीकरण तय करने में अहम हैं। यही कारण है कि एनडीए अपने बड़े नेताओं को यहां उतार रहा है।

प्रियंका गांधी की रैली
महागठबंधन भी चंपारण की अहमियत समझता है। कांग्रेस ने 26 सितंबर को पूर्वी चंपारण में प्रियंका गांधी की जनसभा आयोजित की है। यह रैली महागठबंधन की ओर से बड़ा दांव मानी जा रही है, जिसका लक्ष्य एनडीए को कड़ी टक्कर देना है।
चंपारण बना सियासी रणभूमि
चंपारण इस बार बिहार की सियासत में निर्णायक साबित हो सकता है। अमित शाह जहां कार्यकर्ताओं को संगठनात्मक ताकत का मंत्र देंगे, वहीं प्रियंका गांधी जनसभा के जरिए माहौल बनाएंगी। दोनों गठबंधनों की सक्रियता से चंपारण सियासी जंग का केंद्र बन गया है।
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