
Ranchi : बाल संरक्षण को लेकर रांची पुलिस ने एक अहम कदम उठाया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के आदेशानुसार, रांची पुलिस ने यूनिसेफ़ झारखंड और सेंटर फॉर चाइल्ड राइट्स (NUSRL) के सहयोग से विशेष किशोर पुलिस इकाई (SJPU) के तीसरे चरण का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। यह प्रशिक्षण “बाल-संवेदनशील पुलिसिंग: वैधानिक प्रावधान एवं बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारियों की भूमिका” विषय पर केंद्रित रहा।
बाल संवेदनशील पुलिसिंग पर जोर
कार्यक्रम का उद्घाटन सिटी डीएसपी-सह-SJPU नोडल पदाधिकारी के.वी. रमन ने किया। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण बाल अपराधों से जुड़े मामलों में पुलिस अधिकारियों की संवेदनशीलता, दक्षता और जिम्मेदारी को मज़बूत करेगा। उन्होंने विशेष रूप से ‘बालकों के सर्वोत्तम हित’ और ‘डाइवर्ज़न सिद्धांत’ को समझने और लागू करने की महत्ता बताई।
कानून और प्रक्रियाओं की गहन जानकारी
कार्यक्रम में CCR-NUSRL के तकनीकी सलाहकार नरेंद्र शर्मा ने प्रशिक्षण के पिछले दो चरणों का पुनरावलोकन किया और तीसरे चरण की रूपरेखा साझा की। तकनीकी सत्र में यूनिसेफ़ के बाल संरक्षण अधिकारी श्री गौरव ने किशोर न्याय अधिनियम, 2015 और झारखंड किशोर न्याय नियम, 2017 पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने गरिमा, भेदभाव-रहित दृष्टिकोण, गोपनीयता और बाल-हित सर्वोपरि रखने जैसे सिद्धांतों पर जोर दिया।
अधिकारियों की भूमिका और जिम्मेदारियां
सत्रों में बाल अपराध जैसे भिक्षावृत्ति और नशे की तस्करी की पहचान और संवेदनशील कार्रवाई की प्रक्रिया समझाई गई। साथ ही, CWPO की भूमिका, पुलिस थानों में बालमित्र वातावरण, किशोर न्याय बोर्ड और बाल कल्याण समिति के साथ समन्वय, अभिलेख और रिपोर्टिंग की प्रक्रिया पर भी चर्चा हुई।
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