New Delhi : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को नवनिर्वाचित चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन को भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई। राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पूरा मंत्रिमंडल मौजूद रहा।
कई बड़े नेता रहे मौजूद
शपथ ग्रहण से पहले कई बड़े नेता देर रात दिल्ली पहुंचे। इनमें ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया, झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव शामिल थे।
उपराष्ट्रपति चुनाव में राधाकृष्णन की जीत
एनडीए उम्मीदवार राधाकृष्णन मंगलवार को उपराष्ट्रपति चुने गए। उन्हें 452 वोट मिले, जबकि विपक्ष के उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट प्राप्त हुए। राज्यसभा के महासचिव और निर्वाचन अधिकारी पीसी मोदी ने बताया कि कुल 781 सांसदों में से 767 ने वोट डाले, यानी 98.2% मतदान हुआ। इनमें 752 वोट वैध और 15 अवैध थे। बहुमत के लिए 377 वोट चाहिए थे।
एनडीए को 427 सांसदों का समर्थन था, लेकिन वाईएसआरसीपी के 11 सांसदों ने भी राधाकृष्णन का साथ दिया। उन्हें उम्मीद से 14 वोट ज्यादा मिले, जिससे विपक्ष में क्रॉस-वोटिंग की चर्चा शुरू हो गई। 13 सांसदों ने मतदान नहीं किया, जिनमें बीजू जनता दल (बीजेडी) के 7, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के 4, शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) का 1 और 1 निर्दलीय सांसद शामिल हैं।
पीएम मोदी ने दी बधाई
चुनाव परिणाम के बाद पीएम मोदी ने राधाकृष्णन को बधाई दी। उन्होंने कहा कि वह भारत के संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करेंगे और संसदीय चर्चाओं में सकारात्मक योगदान देंगे। राधाकृष्णन, जो पहले महाराष्ट्र के राज्यपाल रह चुके हैं, तमिलनाडु से तीसरे नेता हैं जो उपराष्ट्रपति बने हैं। उनकी जीत ने एनडीए की ताकत को और मजबूत किया है।
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