Jamtara : जिले में शुक्रवार को ईद मिलादुन्नबी का जश्न पूरे उत्साह, उमंग और भाईचारे के माहौल में मनाया गया। पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब के जन्म दिवस पर निकाले गए जुलूस-ए-मोहम्मदी में भारी भीड़ उमड़ी। हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए और पूरे शहर की सड़कों पर “नारे-तकबीर” व “नारे-रिसालत” की गूंज सुनाई दी। इस दौरान प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए, ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना न घटे।
दो स्थानों से जुलूस की शुरुआत
जुलूस-ए-मोहम्मदी की शुरुआत मदरसा निजामियां गरीब नवाज पाकडीह और सरखेलडीह से हुई। इसके बाद यह जुलूस सहाना रेलवे पुल के पास अन्य गांवों से आए जुलूसों से मिलकर आगे बढ़ा। जुलूस पूरे शहर का भ्रमण करता हुआ निकला और विभिन्न चौक-चौराहों पर लोगों ने शर्बत पिलाकर स्वागत किया। माहौल पूरी तरह जश्न और रौनक से भरा हुआ नजर आया।
प्रशासन की रही कड़ी निगरानी
इस मौके पर पुलिस प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर दिखा। थाना प्रभारी संतोष कुमार सिंह खुद सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाले रहे। शहर के सभी चौक-चौराहों और मुख्य सड़कों पर पुलिस बल की तैनाती की गई। थाना प्रभारी संतोष कुमार सिंह ने कहा कि जिले में ईद मिलादुन्नबी शांति और सौहार्द्र के माहौल में संपन्न हुआ। कहीं किसी प्रकार की गड़बड़ी की सूचना नहीं मिली। उन्होंने सभी को ईद मिलादुन्नबी की मुबारकबाद दी और आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रशासन व आम जनता का आभार जताया।
इमामों और मौलानाओं ने दी नसीहत
पाकडीह और सरखेलडीह मस्जिद के इमाम मौलाना अख्तर रज़ा ने कहा कि हर साल की तरह इस साल भी जुलूस-ए-मोहम्मदी बड़ी कामयाबी और शांति के साथ संपन्न हुआ। उन्होंने जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। वहीं विभिन्न मस्जिदों और मदरसों में देर रात तक मिलाद कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें पैगंबर-ए-इस्लाम की जीवनी और उनकी शिक्षाओं पर प्रकाश डाला गया। मौलाना इसहाक अंसारी, मौलाना इंजामुल, सचिव मुर्तजा अंसारी, मौलाना सफीक अहमद, मौलाना मोहम्मद कासिम अंसारी, हाफिज फैयाज अहमद, मौलाना मुस्तकीम, मौलाना जावेद अख्तर, मौलाना इरशाद, हाफिज अब्दुल कादिर, मुख्तार अंसारी, आरिफ अंसारी, सद्दाम अंसारी, कासिम अंसारी, फारूक अंसारी और अमन अंसारी सहित बड़ी संख्या में मौलाना और स्थानीय लोग मौजूद रहे।
गांव-गांव से पहुंचे लोग
इस जुलूस में जामताड़ा के अलावा आसपास के राजबाड़ी, रहमूडांगाल, जीतूडंगाल, मियांडीह, शहरपूरा, मोहड़ा, पोसोई, नाराडीह, बुधुडीह, चालना श्यामपुर सहित दर्जनों गांवों से लोग शामिल हुए। सभी लोग हाथों में इस्लामी झंडे लेकर नबी-ए-पाक की शान में नारे लगाते हुए जुलूस के साथ चलते रहे। बच्चे, युवा और बुजुर्ग – सभी ने उत्साह के साथ भागीदारी की।
दुआ के साथ संपन्न हुआ जुलूस
पूरे शहर का भ्रमण करने के बाद जुलूस मदरसा निजामिया गरीब नवाज में जाकर संपन्न हुआ, जहां अमन-चैन और तरक्की की दुआ मांगी गई। इस दौरान लोगों ने पैगंबर साहब की जीवनी को याद किया और उनके बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया। जामताड़ा का यह आयोजन इस बात का प्रतीक रहा कि जब प्रशासन और आम लोग मिलकर काम करें, तो कोई भी पर्व शांति और भाईचारे के साथ मनाया जा सकता है।