Sitamarhi : बिहार के लिए एक आज ऐतिहासिक दिन है। माता सीता की जन्मस्थली पुनौरा धाम, सीतामढ़ी में भव्य मंदिर और परिसर के समग्र विकास की आधारशिला रखी जाएगी। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह दोपहर 2:40 बजे मंदिर परिसर में पहुंचेंगे और शिलान्यास समारोह में हिस्सा लेंगे। इस अवसर पर सीतामढ़ी-दिल्ली अमृत भारत ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाई जाएगी, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रद्धालुओं के लिए बेहतर कनेक्टिविटी हेतु मंजूरी दी थी।
शिलान्यास समारोह का विस्तृत कार्यक्रम
दोपहर 2:55 से 3:15 बजे तक केंद्रीय मंत्री मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री के साथ मिलकर निर्माण स्थल पर भूमि पूजन और शिलापट्ट का अनावरण करेंगे। 3:15 से 3:30 बजे तक जानकी मठ, जनकपुर (नेपाल) से आए साधु-संतों से शिष्टाचार भेंट होगी। 3:30 बजे मंत्री समारोह स्थल पर पहुंचेंगे, जहां पर्यटन मंत्री उनका पुष्पगुच्छ और स्मृति चिन्ह देकर स्वागत करेंगे।
3:40 बजे जानकी जन्मभूमि पुनौरा धाम न्यास समिति के अध्यक्ष व मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा स्वागत संबोधन देंगे। 3:43 बजे अमृत भारत ट्रेन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रवाना किया जाएगा। 3:48 बजे विकास योजना के प्रतिरूप का अनावरण और वृत्तचित्र प्रदर्शनी होगी।
3:53 से 4:00 बजे तक उपमुख्यमंत्री और 4:00 से 4:10 बजे तक मुख्यमंत्री का संबोधन होगा। 4:10 से 4:40 बजे तक केंद्रीय गृह मंत्री पुनौरा धाम के महत्व और भविष्य की योजनाओं पर मुख्य भाषण देंगे। समारोह का समापन 4:40 बजे पर्यटन मंत्री के धन्यवाद ज्ञापन के साथ होगा, और 4:45 बजे केंद्रीय मंत्री प्रस्थान करेंगे।
‘सीता रसोई’ की विशेष व्यवस्था
महावीर मंदिर द्वारा संचालित ‘सीता रसोई’ की ओर से देशभर से आए लगभग 1500-2000 संतों के लिए निःशुल्क भोजन (प्रसाद) की व्यवस्था की गई है। बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद व महावीर मंदिर न्यास समिति के सदस्य सायन कुणाल ने बताया कि खीर, कचौड़ी, सब्जी, चटनी, रोटी और बिना चीनी की खीर का विशेष प्रसाद तैयार किया गया है। इसके अलावा, 12 हजार नवैद्यम लड्डुओं का वितरण भी भक्तों में किया जाएगा। यह व्यवस्था महंत कौशल किशोर दास के आवासीय परिसर में की गई है।
मिथिलांचल के लिए गौरव का क्षण
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया पर लिखा, “आज मिथिलांचल और पूरे देश के लिए अत्यंत शुभ दिन है, जब माता सीता की जन्मस्थली पर पुनौरा धाम मंदिर और परिसर के व्यापक विकास की आधारशिला रखी जाएगी।” यह आयोजन बिहार के सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व को और सशक्त करेगा।
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