Ranchi : झारखंड के बहुचर्चित शराब घोटाले में गिरफ्तार निलंबित आईएएस विनय चौबे ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इस याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई, जहां कोर्ट ने एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) को पूरक शपथ पत्र दाखिल करने के लिए 30 जुलाई तक का समय दिया है।
हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति एस.के. द्विवेदी की अदालत में मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने ACB की ओर से दायर उस हस्तक्षेप याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें पहले से दाखिल शपथ पत्र को वापस लेने की मांग की गई थी। कोर्ट ने कहा कि अगर ACB को कोई अतिरिक्त जानकारी देनी है तो वह पूरक शपथ पत्र के माध्यम से दे सकता है। अब मामले की अगली सुनवाई 1 अगस्त को होगी।
विनय चौबे की ओर से अधिवक्ता देवेश अजमानी ने पक्ष रखा। याचिका में कहा गया है कि विनय चौबे की गिरफ्तारी कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना की गई। उन्हें गिरफ्तारी का कारण नहीं बताया गया और न ही सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन हुआ। ऐसे में उनकी गिरफ्तारी को निरस्त किया जाए।
क्या है मामला :
20 मई 2025 को विनय चौबे और तत्कालीन संयुक्त उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह को एसीबी ने गिरफ्तार किया था। मामला करीब 38 करोड़ रुपये के शराब घोटाले से जुड़ा है। घोटाले की शुरुआत 2022 में बनी नई उत्पाद नीति से मानी जा रही है, जो छत्तीसगढ़ मॉडल पर आधारित थी। आरोप है कि शराब की थोक बिक्री के ठेके एक सिंडिकेट को लाभ पहुंचाने के लिए दिए गए। इसके बदले में अधिकारियों को मोटी रिश्वत मिली। इस घोटाले से राज्य सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ है। मामले में अब तक 11 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
ACB ने मामले में 2024 में प्रारंभिक जांच (PE) शुरू की थी। जांच में आरोप सही पाए जाने पर विजिलेंस थाना में कांड संख्या 9/2025 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई। विनय चौबे की गिरफ्तारी और कानूनी लड़ाई पर अब 1 अगस्त को झारखंड हाई कोर्ट में अगली सुनवाई होगी।
Also Read : रांची सहित कई जिलों में अगले पांच दिन तक बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी