Johar Live Desk: अहमदाबाद विमान दुर्घटना के बाद भारत सरकार ने कहा है कि पीड़ितों की पहचान स्थापित प्रोटोकॉल और तकनीकी प्रक्रियाओं के अनुसार की गई थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा कि सभी शवों को पूरी गरिमा और पेशेवर तरीके से संभाला गया। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि भारत सरकार यूके अधिकारियों के साथ मिलकर इस मामले में उठाई गई चिंताओं को दूर करने के लिए काम कर रही है।
यूके के अखबार डेली मेल की रिपोर्ट में बताया गया कि दुर्घटना में मारे गए कुछ ब्रिटिश नागरिकों के परिवारों को गलत शव सौंप दिए गए। एक मामले में, अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे एक परिवार को सूचित किया गया कि ताबूत में किसी अन्य व्यक्ति का शव है, जिसके बाद उन्हें अंतिम संस्कार की योजना रोकनी पड़ी। एक अन्य मामले में, एक ही ताबूत में एक से अधिक लोगों के अवशेष रख दिए गए थे, जिन्हें बाद में अलग करना पड़ा।
एविएशन वकील जेम्स हीली-प्रैट, जो कई ब्रिटिश परिवारों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, ने कहा कि कुछ लोगों को गलत अवशेष मिले हैं और वे इससे बेहद दुखी हैं। उन्होंने कहा कि यह स्थिति कुछ हफ्तों से चल रही है और इन परिवारों को एक स्पष्ट जवाब मिलना चाहिए।
यह गड़बड़ी तब सामने आई जब इनर वेस्ट लंदन की कोरोनर डॉ. फियोना विलकॉक्स ने डीएनए मिलान के जरिए शवों की पहचान की कोशिश की।
12 जून को अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रहे बोइंग 787-8 विमान के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से कुल 260 लोगों की जान गई। विमान उड़ान भरने के 32 सेकंड बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। विमान में 242 लोग सवार थे, जिनमें से 241 की मौत हो गई थी। मृतकों में 181 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक शामिल थे।