Johar Live Desk : अमेरिका ने पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) को विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (SDGT) की सूची में शामिल किया है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
रुबियो ने अपने बयान में कहा, “TRF, लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का एक मुखौटा संगठन है। इसने 22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। यह 2008 के मुंबई हमलों के बाद भारत में लश्कर का सबसे घातक हमला था।”
उन्होंने आगे कहा, “TRF ने 2024 में भारतीय सुरक्षा बलों पर भी कई हमले किए। अमेरिका का यह कदम पहलगाम हमले में न्याय और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में ट्रम्प प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”
पहलगाम हमले में TRF ने ली थी जिम्मेदारी, फिर मुकरा
22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की जान गई थी। TRF ने हमले के तुरंत बाद इसकी जिम्मेदारी ली और दावा किया कि भारत सरकार कश्मीर में मुस्लिमों को अल्पसंख्यक बना रही है। हालांकि, 26 अप्रैल को TRF के प्रवक्ता अहमद खालिद ने कहा कि उनकी वेबसाइट हैक हो गई थी और संगठन को गलत तरीके से जिम्मेदार ठहराया गया।
TRF का उदय और गतिविधियां
TRF जम्मू-कश्मीर में सक्रिय एक आतंकी संगठन है, जो 2019 में आर्टिकल-370 हटने के बाद अस्तित्व में आया। भारत सरकार इसे लश्कर-ए-तैयबा का प्रॉक्सी संगठन मानती है। यह संगठन आम नागरिकों की तरह दिखने वाले ‘हाइब्रिड आतंकवादियों’ को भर्ती करता है, जो गुप्त रूप से आतंकी गतिविधियों में शामिल होते हैं।
TRF न केवल जवानों और नागरिकों की हत्या में शामिल है, बल्कि सीमा पार से ड्रग्स और हथियारों की तस्करी भी करता है। सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने लश्कर की मदद से TRF को खड़ा किया। भारत ने 5 जनवरी, 2023 को TRF को आतंकी संगठन घोषित किया था।
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