Patna : बिहार सरकार ने जमीन की म्यूटेशन प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और डिजिटल बनाने के लिए एक नई व्यवस्था की शुरुआत की है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा तैयार इस योजना के तहत अब जमीन की रजिस्ट्री के समय ही उसका नक्शा, खाता, खेसरा और चौहद्दी की जानकारी दस्तावेजों में शामिल की जाएगी। इससे अब म्यूटेशन के लिए अलग से आवेदन देने की जरूरत नहीं पड़ेगी, और सभी दस्तावेज सीधे संबंधित सर्किल ऑफिसर को डिजिटल माध्यम से भेजे जाएंगे।
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी आज 15 जुलाई को इस योजना का शुभारंभ करेंगे। इसे पहले उन जिलों में लागू किया जा रहा है जहां विशेष भूमि सर्वेक्षण का कार्य पूरा हो चुका है — जैसे पटना, दरभंगा, समस्तीपुर और बेगूसराय।
क्या है नई व्यवस्था?
अब तक की म्यूटेशन प्रक्रिया में केवल भू-स्वामी के नाम में परिवर्तन किया जाता था। नई योजना में रजिस्ट्री के समय ही अद्यतन नक्शा और अन्य विवरण दर्ज किए जाएंगे। इससे जमीन की पहचान आसान होगी और स्वामित्व से जुड़े विवादों में कमी आएगी।
डिजिटल रिकॉर्ड और नक्शे बिहार भूमि पोर्टल (biharbhumi.bihar.gov.in) और भूलेख बिहार (bhulekhbihar.org) पर उपलब्ध होंगे, जिससे पारदर्शिता और नागरिकों की सुविधा दोनों बढ़ेगी।
क्यों है योजना अहम?
राज्य में वर्तमान में 1.5 लाख से अधिक म्यूटेशन केस लंबित हैं। इनमें से अधिकांश में गलत खाता-खेसरा, पुराने कैथी लिपि में दस्तावेज और रजिस्टर-2 की खराब स्थिति जैसे कारण प्रमुख हैं। डिजिटल नक्शों और रिकॉर्ड से इन समस्याओं के कम होने की उम्मीद है।
इस योजना से भूमिहीनों को जमीन आवंटन और स्वामित्व प्रमाण पत्र देने की प्रक्रिया भी तेज होगी। IIT रुड़की द्वारा तैयार प्रारूप पर आधारित यह योजना पहले 4 साल पहले ही स्वीकृत हो गई थी, लेकिन सर्वेक्षण के अभाव में इसे लागू नहीं किया जा सका था। अब जबकि 38 जिलों में विशेष सर्वे पूरा हो चुका है, इसे धीरे-धीरे पूरे राज्य में लागू किया जाएगा।
लंबित शिकायतों के लिए विशेष निर्देश
मंत्री संजय सरावगी ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि दाखिल-खारिज और परिमार्जन प्लस की लंबित शिकायतों को 30 दिनों के भीतर निपटाया जाए।
नागरिकों के लिए सुविधाएं
- नागरिक biharbhumi.bihar.gov.in या parimarjan.bihar.gov.in पर जाकर म्यूटेशन की स्थिति, भू-लगान और नक्शे देख सकते हैं।
- 2024-25 तक 60% से अधिक क्षेत्रों में डिजिटल सर्वेक्षण पूरा हो चुका है, शेष क्षेत्रों में 2026 तक सर्वे पूरा होने की उम्मीद है।
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