Ranchi : केंद्र सरकार की मजदूर और किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ बुधवार को देशभर में आम हड़ताल की जाएगी। यह हड़ताल 17 सूत्री मांगों को लेकर आयोजित की जा रही है, जिसमें भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) भी शामिल होगी। मंगलवार को रांची के अल्बर्ट एक्का चौक स्थित पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में भाकपा के राज्य सचिव महेंद्र पाठक ने यह जानकारी दी।
महेंद्र पाठक ने कहा कि केंद्र सरकार ने 44 श्रम कानूनों को खत्म कर चार लेबर कोड में बदल दिया है, जो मजदूरों के खिलाफ है। वहीं किसानों को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी नहीं दी गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार पूंजीपतियों को बढ़ावा देकर छोटे व्यापारियों और फुटपाथ दुकानदारों का रोजगार छीन रही है।
उन्होंने राज्य के सभी मजदूर, किसान, व्यापारी और आम जनता से हड़ताल को सफल बनाने की अपील की। महेंद्र पाठक ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने इन मांगों को गंभीरता से नहीं लिया, तो यह हड़ताल 2029 के चुनाव में उसके लिए बड़ा सिरदर्द साबित हो सकती है।
प्रेस वार्ता में मौजूद अन्य नेताओं ने बताया कि हड़ताल के दौरान कोयला उत्पादन, ढुलाई, बैंकिंग सेवाएं, बीमा क्षेत्र, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां, रेलवे और विमानन से जुड़े कर्मचारी काम बंद करेंगे। किसान संगठन भी इस हड़ताल में शामिल होंगे। झारखंड में झामुमो, कांग्रेस, राजद और वामदलों ने इस हड़ताल को समर्थन देने की घोषणा की है। राज्य में दो घंटे का चक्का जाम भी किया जाएगा।
इस प्रेस वार्ता में एटक राज्य सचिव अशोक यादव, जिला सचिव अजय कुमार सिंह, कर्मचारी संघ के सुनील साहू, बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन के सतीश भार्गव और एआईबीए के सरफराज अहमद शामिल थे।