Ranchi: ओरमांझी स्थित बिरसा जैविक उद्यान में गुरुवार को हाइब्रिड नस्ल के शेर ‘शशांक’ की मौत हो गई। 15 वर्षीय शशांक को 2014 में बेंगलुरु के बनरगट्टा ज़ू से लाया गया था।
चिड़ियाघर प्रशासन के अनुसार शशांक पिछले एक महीने से बीमार था और उसका इलाज लगातार किया जा रहा था। ज़ू के चिकित्सक डॉ ओमप्रकाश साहु ने बताया कि पशु चिकित्सा महाविद्यालय, रांची के डॉ अभिषेक और डॉ एमके गुप्ता की देखरेख में भी उसका उपचार कराया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।
डॉ साहु के मुताबिक हाइब्रिड शेरों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहद कम होती है, जिससे उनमें संक्रमण का खतरा हमेशा बना रहता है। उन्होंने बताया कि आम तौर पर हाइब्रिड शेरों की औसत उम्र 15 से 16 साल ही होती है।
चिड़ियाघर परिसर में ही अधिकारियों और चिकित्सकों की मौजूदगी में शशांक का पोस्टमार्टम किया गया। पोस्टमार्टम के बाद डॉ एमके गुप्ता ने बताया कि उसकी मौत का कारण पेट में कैंसर पाया गया है।
उद्यान प्रशासन ने शेर की मौत को प्राकृतिक प्रक्रिया बताते हुए कहा कि उसके निधन से चिड़ियाघर परिवार दुखी है।
Also read:मुहर्रम को लेकर आदित्यपुर थाना में हुई शांति समिति की बैठक…
Also read:बारिश के बाद अस्पताल के सामने धंसी सड़क, गुणवत्ता पर उठे सवाल…
Also read:जमशेदपुर के मनीहारी दुकान में चोरी, 80 हजार के सामान पर चोरों ने किया हाथ साफ