Patna : बिहार सरकार ने पटना से पूर्णिया को जोड़ने वाले महत्वाकांक्षी छह लेन एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण कार्य को 100 दिनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा है। मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा की अध्यक्षता में आयोजित प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग ग्रुप की बैठक में यह जानकारी सामने आई। बैठक में वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा, सहरसा, मधेपुरा और पूर्णिया के जिलाधिकारियों ने भाग लिया और भूमि अधिग्रहण की प्रगति पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।
टेंडर प्रक्रिया शुरू, वित्तीय मंजूरी जल्द
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) इस दौरान एक्सप्रेसवे के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू करेगा। दिल्ली में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में NHAI अध्यक्ष ने बिहार सरकार को आश्वासन दिया कि इस परियोजना को इस माह के भीतर ही पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप अप्रेजल कमेटी (PPAC) से वित्तीय मंजूरी मिल जाएगी। यह एक्सप्रेसवे बिहार के विकास में मील का पत्थर साबित होगा, जिससे यातायात सुगम होने के साथ-साथ आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।
एक्सप्रेसवे का रूट और विस्तार
पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे की शुरुआत वैशाली जिले के सराय क्षेत्र से होगी, जिसे पटना रिंग रोड के उत्तरी हिस्से से जोड़ा जाएगा। यह एक्सप्रेसवे पूर्णिया जिले में NH-27 के विश्वासपुर में समाप्त होगा। परियोजना में शेरपुर-दिघवारा खंड को शामिल करने की योजना है, और इसका विस्तार पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। इसके लिए गंडक नदी पर एक नए पुल का निर्माण भी प्रस्तावित है, जो पूर्णिया से गोरखपुर होते हुए दिल्ली तक की यात्रा को और सुगम बनाएगा।
उत्तर बिहार के अन्य प्रोजेक्ट्स
मुख्य सचिव ने बताया कि पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे के साथ-साथ उत्तर बिहार के दो अन्य महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स रक्सौल-हल्दिया और सिलीगुड़ी-गोरखपुर कॉरिडोर के लिए भी भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। इन दोनों परियोजनाओं के एलाइनमेंट को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है।
बिक्रमशिला-कटरिया पुल का शिलान्यास जल्द
बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि बिक्रमशिला से कटरिया तक गंगा नदी पर एक नए पुल के निर्माण के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इस पुल का शिलान्यास जल्द किया जाएगा, जो उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
NHAI की परियोजनाएं और निवेश
NHAI ने 2015 से अब तक बिहार में 68 परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनमें से 21 पूरी हो चुकी हैं और 47 पर कार्य चल रहा है। इसके अलावा, 21 नई परियोजनाओं की योजना बनाई जा रही है। इन सभी परियोजनाओं की अनुमानित लागत 2.20 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें से अब तक 38,000 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। ये परियोजनाएं बिहार के बुनियादी ढांचे, औद्योगिक, कृषि और पर्यटन क्षेत्रों को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगी।
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