Giridih : गिरिडीह जिले के सदर अस्पताल सहित सभी 13 ब्लॉक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत 700 आउटसोर्सिंग स्वास्थ्यकर्मी सोमवार से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार पर चले गए। कर्मचारियों ने वेतन में कटौती और ईपीएफ (EPF) गड़बड़ी सहित सात सूत्री मांगों को लेकर गिरिडीह सदर अस्पताल परिसर में धरना प्रदर्शन शुरू किया है।
इस आंदोलन का नेतृत्व जेएलकेएम (झारखंड लेबर कर्मी मंच) के केंद्रीय सचिव नागेंद्र चंद्रवंशी और आउटसोर्सिंग स्वास्थ्य कर्मी संघ द्वारा किया गया। धरने के दौरान चंद्रवंशी ने कहा कि आउटसोर्सिंग कंपनी डिटेक्टिव फोर्स प्रा. लि., जो बाला जी और शिवा कंपनी के साथ स्वास्थ्य विभाग के तहत कार्यरत है, लगातार कर्मचारियों का मासिक वेतन काट रही है और EPF में भी गड़बड़ी कर रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि इन मुद्दों को लेकर पहले भी स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन को कई बार ज्ञापन सौंपा गया और आंदोलन भी किए गए, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। कर्मचारियों में इसे लेकर गहरा आक्रोश है।
धरना स्थल पर मौजूद कर्मियों ने बताया कि वेतन में कटौती और EPF से जुड़ी अनियमितताओं के कारण उनका जीवन यापन मुश्किल हो गया है। परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है और बच्चों की पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा है। कई कर्मचारियों को पिछले महीनों का वेतन अब तक नहीं मिला है।
स्वास्थ्य सेवाएं बाधित:
कार्य बहिष्कार के कारण जिले के कई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होने की आशंका है। आम लोगों को इलाज में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
कर्मचारियों की मुख्य मांगें:
- वेतन में हो रही कटौती पर रोक
- EPF गड़बड़ी की जांच और समाधान
- समय पर वेतन भुगतान
- स्थायी रोजगार की दिशा में कदम
- स्वास्थ्य विभाग से सीधी नियुक्ति
- आउटसोर्सिंग कंपनियों की कार्यप्रणाली की जांच
- कर्मचारियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार
प्रशासन की प्रतिक्रिया का इंतजार:
फिलहाल जिला प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। प्रदर्शनकारी कर्मियों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक वे ड्यूटी पर वापस नहीं लौटेंगे।
यह हड़ताल राज्य में आउटसोर्सिंग प्रणाली की कार्यशैली और श्रमिक अधिकारों को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़ा कर रही है।
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