Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    18 Jun, 2025 ♦ 2:29 AM
    • About Us
    • Contact Us
    • Webmail
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Telegram WhatsApp
    Johar LIVEJohar LIVE
    • होम
    • देश
    • विदेश
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुड़
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सराइकेला-खरसावां
      • साहेबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • राजनीति
    • बिहार
    • कारोबार
    • खेल
    • सेहत
    • अन्य
      • मनोरंजन
      • शिक्षा
      • धर्म/ज्योतिष
    Johar LIVEJohar LIVE
    Home»झारखंड»झारखंड के डीजीपी मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई गुरुवार को, जस्टिस एएस बोपन्नना और वी रामसुब्रमणियम की अदालत में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होगी सुनवाई
    झारखंड

    झारखंड के डीजीपी मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई गुरुवार को, जस्टिस एएस बोपन्नना और वी रामसुब्रमणियम की अदालत में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होगी सुनवाई

    Team JoharBy Team JoharAugust 12, 2020No Comments3 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link

    Joharlive Team

    रांची। झारखंड में 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी एमवी राव को प्रभारी डीजीपी बनाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को दाखिल याचिका पर सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएस बोपन्नना और वी रामसुब्रमणियम की अदालत में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रह्लाद नारायण सिंह ने एमवी राव को प्रभारी डीजीपी बनाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के फैसले के खिलाफ बताते हुए याचिका दायर की थी। वहीं इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के पहले यूपीएससी ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को पत्र लिखकर पूर्व के डीजीपी केएन चौबे को हटाने की वजह पूछी है। वहीं राज्य सरकार के द्वारा डीजीपी की बहाली के लिए पांच आईपीएस अधिकारियों के नाम के पैनल पर किसी भी तरह की सुनवाई से इंकार कर दिया है। यूपीएससी ने लिखा है कि केएन चौबे के दो साल का टर्म पूरा नहीं हुआ, ऐसे में उन्हें क्यों हटाया गया। जब तक हटाए जाने की वजह स्पष्ट नहीं होगी, यूपीएससी ने पैनल पर विचार करने से इंकार कर दिया है। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 16 मार्च 2020 को अचानक ही केएन चौबे को महज नौ माह के कार्याकाल के बाद हटाकर दिल्ली में आधुनिकीकरण का ओएसडी बना दिया था, वहीं एमवी राव को प्रभारी डीजीपी बना दिया गया था।
    यूपीएससी ने लिखा दो साल के भीतर डीजीपी को हटाना गलत
    यूपीएससी ने डीजीपी के पैनल लिस्ट के लिए भेजे गए पत्र के बाद राज्य सरकार को जो पत्र भेजा है, उसमें सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विरूद्ध बताया गया है। यूपीएससी ने लिखा है कि 31 मई 2019 को राज्य सरकार ने केएन चौबे का नोटिफिकेशन बतौर डीजीपी निकाला था। यूपीएससी के इंपैनलमेंट कमेटी मीटिंग में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अंतर्गत भेजे गए नामों के आधार यह चयन दो सालों के लिए हुआ था। यूपीएससी ने लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि यूपीएससी के द्वारा राज्य के तीन वरीय अफसरों के नाम का पैनल भेजा जाएगा। अफसरों के बेहतर सर्विस रिकॉर्ड, सेवा की अवधि व पुलिस विभाग में अनुभवों के आधार पर इन तीन वरीय अफसरों में एक को राज्य सरकार को डीजीपी के पद पर दो सालों के लिए चुनना होगा। दो साल के भीतर इन पुलिस अधिकारियों को तब ही हटाया जा सकता है, जब इन्हें ऑल इंडिया सर्विस रूल्स में दोषी पाया गया हो, किसी मामले में न्यायालय के द्वारा सजा दी गई हो या शारीरिक वजहों से वह काम करने में अक्षम हों।
    सरकार को बतानी होगी केएन चौबे को हटाने की वजह
    यूपीएससी ने राज्य सरकार से केएन चौबे को हटाने की वजह पूछी है। पूछा गया है कि उन्हें किन वजहों से डीजीपी के पद से हटाया गया। क्या सुप्रीम कोर्ट के आदेश के दायरे में आने वाली किसी वजह से उन्हें हटाया गया है। राज्य सरकार को यूपीएससी ने स्पष्ट किया है कि बगैर वजह बताए सरकार के द्वारा नए डीजीपी की प्रतिनियुक्ति संबंधी पैनल भेजने पर विचार नहीं किया जा सकता।

    DGP MV Rao Jharkhand news Latest news Online news Supreme Court
    Follow on Facebook Follow on X (Twitter) Follow on Instagram Follow on YouTube Follow on WhatsApp Follow on Telegram
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Previous Articleजम्मू-कश्मीर : हिजबुल का टॉप कमांडर ललहारी मुठभेड़ में ढेर
    Next Article झारखंड के दो सीबीआई अधिकारियों समेत 15 को गृह मंत्री पदक

    Related Posts

    झारखंड

    भाजपा के झूठे आरोपों की राजनीति से जनता गुमराह नहीं होगी: विनोद कुमार पांडेय

    June 17, 2025
    जमशेदपुर

    जमशेदपुर के हजारों प्री मैट्रिक विद्यार्थियों को अब तक नहीं मिली छात्रवृत्ति, नाराज हुए DC

    June 17, 2025
    जमशेदपुर

    बिजली की चपेट में आये दो मजदूर, 16 वर्षीय किशोर भी शामिल…

    June 17, 2025
    Latest Posts

    भाजपा के झूठे आरोपों की राजनीति से जनता गुमराह नहीं होगी: विनोद कुमार पांडेय

    June 17, 2025

    जमशेदपुर के हजारों प्री मैट्रिक विद्यार्थियों को अब तक नहीं मिली छात्रवृत्ति, नाराज हुए DC

    June 17, 2025

    बिजली की चपेट में आये दो मजदूर, 16 वर्षीय किशोर भी शामिल…

    June 17, 2025

    ऑनलाइन निवेश के नाम पर साइबर ठग ने महिला से ठगे 29 लाख रुपए

    June 17, 2025

    रांची में मूसलाधार बारिश की चेतावनी, जिला प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वालों को किया अलर्ट

    June 17, 2025

    © 2025 Johar LIVE. Designed by Forever Infotech.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.