Jamshedpur: झारखंड के जमशेदपुर से नाबालिगों के गायब होने को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। शहर में हर चौथे दिन एक नाबालिग के लापता होने की घटना दर्ज की जा रही है। सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि इन मामलों में लड़कियों की संख्या लड़कों की तुलना में दोगुनी से भी अधिक है।
पुलिस आंकड़ों के मुताबिक जनवरी 2024 से अक्टूबर 2024 तक कुल 75 नाबालिगों के गायब होने की शिकायतें दर्ज की गई हैं। सभी मामलों में अपहरण का केस दर्ज हुआ है। वहीं साल 2023 में कुल 98 नाबालिग गायब हुए थे। 2025 में भी अब तक कई मामले दर्ज हो चुके है जहां बच्चे रातों रात लापता हो गए।
पुलिस द्वारा की गई जांच में खुलासा हुआ है कि गायब हुई 80% लड़कियां प्रेम-प्रसंग के चलते अपने प्रेमी के साथ घर छोड़कर चली जाती हैं। 10% लड़कियां पारिवारिक विवाद और अखरी 10% बाल तस्करी का शिकार बनती हैं। दूसरी ओर 90% लड़के घर के तनाव या रोजगार की तलाश में घर छोड़ते हैं।
जिले में नाबालिगों के गायब होने की घटनाएं लगातार बढ़ रही —
2020: 58 मामले
2021: 161 मामले
2022: 137 मामले
2023: 98 मामले
पुलिस का कहना है कि अधिकांश नाबालिग लड़कियां हैदराबाद, सूरत, कोलकाता, दिल्ली, गुड़गांव, मुंबई, पुणे, बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों की ओर चली जाती हैं, जिससे उनकी तलाश चुनौतीपूर्ण हो जाती है।
पुलिसकर्मियों के अनुसार सरकारी फंड इस काम के लिए काफी नहीं है। एक नाबालिग लड़की को तलाशने में करीब 10 से 20 हजार रुपये तक का खर्च आता है। वहीं बरामदगी के समय दो महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती भी जरूरी होती है जिससे खर्च और बढ़ जाता है। कई बार यह खर्च पुलिसकर्मी अपनी जेब से वहन करते हैं।
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