Jamshedpur: झारखंड की आर्थिक राजधानी जमशेदपुर के बिरसानगर में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) का बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट बीते छह सालों से अधर में लटका हुआ है। कारण है—लाभुकों की किस्त जमा करने में लापरवाही और बैंकों की अनिच्छा। नतीजा ये है कि 30 ब्लॉकों में बनने वाले 9660 फ्लैट आज भी सिर्फ कागज़ों और अधूरे ढांचों तक ही सीमित हैं।
इस योजना के तहत 48 एकड़ ज़मीन पर कुल 32 ब्लॉक में 9,592 फ्लैट बनाए जाने थे। लेकिन अब तक केवल दो ब्लॉक में 644 फ्लैट का निर्माण ही 90 प्रतिशत तक पूरा हो पाया है। बाकी 30 ब्लॉक में काम लगभग ठप है।
योजना के लाभुकों की बात करें तो 5366 लोगों की लॉटरी हो चुकी है लेकिन केवल 280 लोगों ने ही ₹4.31 लाख की पूरी किस्त जमा की है। बाकी 5086 लाभुकों ने या तो पहली किस्त दी है या फिर दूसरी लेकिन पूरी राशि नहीं दे पाए हैं।
लाभुकों की ढिलाई का एक कारण यह भी है कि निर्माण कार्य की धीमी गति ने उनके मन में शंका पैदा कर दी है। स्थानीय निवासी राम प्रकाश का कहना है कि जब तक काम आगे नहीं बढ़ता तब तक पैसे जुटाना मुश्किल है। वहीं कई लोगों को उम्मीद थी कि बैंक से लोन आसानी से मिल जाएगा लेकिन बैंक भी इस योजना में लोन देने से कतराते दिख रहे हैं।
इस योजना में सरकार का अंशदान केवल 33 प्रतिशत है जबकि 67 प्रतिशत राशि लाभुकों से आनी थी। इसी राशि से निर्माण कार्य किया जाना था। अब जब लाभुक किस्त नहीं जमा कर रहे तो बिल्डर को भुगतान नहीं हो पा रहा और निर्माण कार्य रुक गया है।
जमशेदपुर अक्षेस की चिंता
जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति (JAMADA) के उप नगर आयुक्त कृष्ण कुमार का कहना है कि योजना को गति देने की कोशिशें जारी हैं। दो ब्लॉक में काम लगभग पूरा हो चुका है लेकिन बाकी ब्लॉकों का काम कब शुरू होगा इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है।
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