Johar Live Desk : CBSE ने प्राथमिक शिक्षा को बच्चों की मातृभाषा में कराने का बड़ा फैसला लिया है। अब कक्षा पूर्व से दूसरी तक पढ़ाई अंग्रेज़ी के बजाय बच्चों की मातृभाषा, घर की भाषा या क्षेत्रीय भाषा (R1) में कराई जाएगी। यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा (NCF) 2023 के अनुसार उठाया गया है।
CBSE ने सभी स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे बच्चों की भाषा पहचान (language mapping) का काम गर्मी की छुट्टियों से पहले पूरा करें और उसी के अनुसार शिक्षण सामग्री तैयार करें। कक्षा 3 से 5 तक R2 भाषा (दूसरी भाषा) में भी पढ़ाई शुरू की जा सकती है, लेकिन यह बच्चों की समझ और ज़रूरत के अनुसार होगा। अब गणित जैसे विषय भी मातृभाषा में पढ़ाए जा सकेंगे। इससे बच्चों को समझने में आसानी होगी।
CBSE ने सभी स्कूलों को मई के अंत तक NCF समिति बनाने को कहा है। यह समिति किताबों का अनुवाद और सामग्री तैयार करेगी। स्कूलों को जुलाई से हर महीने रिपोर्ट देनी होगी। छोटे स्कूलों को बदलाव के लिए ज्यादा समय दिया जाएगा। शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। NCERT की किताबें अब 22 भाषाओं में मिलेंगी।
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