Patna : पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने पाकिस्तान को लेकर एक बार फिर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि भारत को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद और सख्त रुख अपनाना चाहिए था. पटना स्थित जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मीडिया से बात करते हुए डॉ. स्वामी ने कहा कि पाकिस्तान ने पहलगाम नरसंहार जैसी क्रूर घटना को अंजाम देकर इस टकराव की शुरुआत की थी, जो भारतीय सभ्यता के इतिहास में सबसे वीभत्स और अमानवीय कृत्यों में से एक है.
“भारत की प्रतिक्रिया और कठोर होनी चाहिए थी”
डॉ. स्वामी ने कहा, “पाकिस्तान ने निर्दोष नागरिकों पर जो हमला किया, वह हमारे अस्तित्व और संप्रभुता पर सीधा हमला था. भारत को उसका जवाब और अधिक कठोरता से देना चाहिए था, ताकि भविष्य में इस तरह की दुस्साहसी कार्रवाइयों की पुनरावृत्ति न हो.” सरकार द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के बाद विभिन्न देशों में भेजे जा रहे ऑल-पार्टी प्रतिनिधिमंडलों पर भी डॉ. स्वामी ने सवाल उठाए. उन्होंने कहा, “इन दौरों का कोई व्यावहारिक असर नहीं होता. यह सब विदेश यात्रा का आनंद लेने का माध्यम बन गया है. दुनिया जानती है कि इन प्रतिनिधिमंडलों का मकसद क्या है.” डॉ. स्वामी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब केंद्र सरकार ऑपरेशन सिंदूर के बाद अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने के लिए कई देशों में राजनीतिक प्रतिनिधिमंडलों को भेज रही है.
संदेश साफ : पाकिस्तान के प्रति और कड़ा रुख जरूरी
डॉ. स्वामी के बयान ने एक बार फिर यह बहस छेड़ दी है कि क्या भारत की प्रतिक्रिया पाकिस्तान की आक्रामकता के मुकाबले पर्याप्त थी या नहीं. वहीं, विपक्षी नेताओं और विश्लेषकों के बीच इस पर चर्चा तेज हो गई है कि क्या कूटनीतिक प्रयासों की जगह अधिक प्रत्यक्ष और निर्णायक कदमों की जरूरत है.
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