New Delhi : नई दिल्ली स्थित भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचन प्रबंधन संस्थान (IIIDEM) में सोमवार को झारखंड के बीएलओ, पर्यवेक्षक, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO), जिला निर्वाचन पदाधिकारी (DEO) और बूथ स्तर स्वयंसेवकों (BLV) के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इसका उद्घाटन मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने किया।
उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड में मतदाता सूची के पुनरीक्षण के बाद एक भी अपील दायर नहीं हुई है, जो एक सराहनीय उपलब्धि है। साथ ही उन्होंने सभी मतदाताओं को जागरूक करने की जरूरत पर भी जोर दिया कि यदि उन्हें सूची से कोई आपत्ति है, तो वे जिला निर्वाचन पदाधिकारी (DEO) और उसके बाद मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के पास अपील कर सकते हैं।
कुमार ने झारखंड भ्रमण के दौरान दशम जलप्रपात की बीएलओ दीदियों की कार्यशैली की सराहना करते हुए कहा कि उनकी जानकारी बेहद प्रभावशाली है। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग संविधान और नियमों के तहत चुनाव प्रक्रिया का संचालन करता है। उन्होंने ईवीएम और वीवीपैट को पूरी तरह सुरक्षित बताते हुए कहा कि अब तक 5 करोड़ से ज्यादा बार ईवीएम और वीवीपैट का मिलान किया जा चुका है, लेकिन एक भी गलती नहीं पाई गई। उन्होंने कहा कि मतदाताओं के मन से ईवीएम को लेकर जो गलतफहमी है, उसे दूर करना जरूरी है।
कुमार ने यह भी बताया कि चुनाव के दौरान आयोग सबसे बड़ी लोकतांत्रिक संस्था बन जाता है, जिसमें 10.5 लाख मतदान केंद्रों पर एक जैसी प्रक्रिया में मतदान होता है। इस प्रक्रिया में बीएलओ और राजनीतिक दलों के बूथ एजेंट मिलकर काम करते हैं। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में योगाभ्यास, ग्रुप फोटो, और चुनाव विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न विषयों पर सत्र भी आयोजित किए गए। पहले दिन डॉ. शशि शेखर रेड्डी, देव दास दत्ता, चंद किशोर शर्मा और प्रभास दत्ता ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया।
इस अवसर पर IIIDEM के महानिदेशक राकेश कुमार वर्मा, झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार, वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त मनीष गर्ग, उप निर्वाचन आयुक्त अजीत कुमार और संजय कुमार सहित कई अधिकारी मौजूद थे।
Also Read : चिराग पासवान ने की CM नीतीश कुमार से मुलाकात… जानें क्यों