Muzaffarpur : जहां आज की पीढ़ी मोबाइल का इस्तेमाल अधिकतर गेम और मनोरंजन के लिए करती है, वहीं मुजफ्फरपुर जिले के तरियानी गांव के अनमोल कुमार (10 वर्षीय) ने एक प्रेरणादायक मिसाल कायम की है. उत्तर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग में जब अनमोल का लेफ्ट इनगुइनल हर्निया का ऑपरेशन चल रहा था तब वह बेफिक्री से मोबाइल पर गणित की पढ़ाई कर रहा था. अनमोल 5वीं कक्षा का छात्र है और उसके पिता का नाम प्रमोद कुमार बताया जा रहा हैं.
डॉक्टरों के अनुसार उसे लोकल एनेस्थीसिया देकर ऑपरेशन किया गया था, यानी उसे पूरी तरह बेहोश नहीं किया गया था. इस दौरान अनमोल ने न तो डर दिखाया और न ही किसी तरह की बेचैनी. ऑपरेशन थियेटर में मोबाइल स्क्रीन पर उसकी आंखें गड़ी थीं और वह पूरी तल्लीनता से गणित के वीडियो देख रहा था. पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. आशुतोष कुमार ने बताया कि अनमोल जब से अस्पताल में भर्ती हुआ, तभी से वह पढ़ाई में जुटा था. ऑपरेशन के समय एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. नरेंद्र कुमार ने जब उसे तैयार किया तो किसी को उम्मीद नहीं थी कि वह ऑपरेशन के दौरान भी पढ़ाई करता रहेगा.
ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने जब उससे हल्के-फुल्के अंदाज में पूछा, “बेटा, बड़े होकर क्या बनना है – डॉक्टर, इंजीनियर या अधिकारी?” अनमोल ने तुरंत जवाब दिया – “इंजीनियर बनना है.” उसका आत्मविश्वास और जवाब सुनकर पूरा ऑपरेशन थिएटर मुस्कुरा उठा. डॉ. आशुतोष कुमार, डॉ. नरेंद्र कुमार और अन्य चिकित्सकों की टीम ने न सिर्फ सफल ऑपरेशन किया, बल्कि अनमोल के साहस और पढ़ाई के प्रति जुनून की सराहना भी की. अनमोल का यह व्यवहार उन सभी बच्चों और अभिभावकों के लिए प्रेरणा है जो मोबाइल को केवल मनोरंजन का साधन मानते हैं.
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