Patna : बिहार में बिजली आपूर्ति को और बेहतर बनाने के लिए 15 ग्रिड सब-स्टेशनों पर बैट्री एनर्जी स्टोरेज सिस्टम लगाने की योजना पर काम शुरू हो गया है। बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड ने 125 मेगावाट और 500 मेगावाट आवर क्षमता वाले इस सिस्टम को स्थापित करने के लिए छह बड़ी कंपनियों के साथ समझौता किया है। इस सिस्टम से पीक आवर में चार घंटे तक बिजली आपूर्ति की जाएगी।
ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि यह परियोजना बिहार की बिजली व्यवस्था को मजबूत करेगी और अक्षय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देगी। इससे बिजली आपूर्ति अधिक विश्वसनीय होगी। इस मौके पर ऊर्जा सचिव मनोज कुमार सिंह, बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी के प्रबंध निदेशक महेंद्र कुमार और ट्रांसमिशन कंपनी के प्रबंध निदेशक राहुल कुमार मौजूद थे।
इन कंपनियों को मिला जिम्मा
छह एजेंसियों को अलग-अलग ग्रिडों पर काम सौंपा गया है। प्रोस्टारिम इन्फो सिस्टम्स लिमिटेड को फतुहा, जहानाबाद, रफीगंज, सीवान, बांका और किशनगंज, बार्ब्रिक प्रोजेक्ट लिमिटेड को मुजफ्फरपुर, अष्ठावन और जमुई, सूर्यम इंटरनेशनल को मोतिहारी, कुंदन ग्रीन एनर्जी को बेतिया, हिन्दुस्तान थर्मल प्रोजेक्ट्स को भागलपुर, उदाकिशनगंज और सीतामढ़ी, जबकि सात्विक को शिवहर ग्रिड की जिम्मेदारी दी गई है।

केंद्र सरकार से मिला समर्थन
केंद्र सरकार की वायबिलिटी गैप फंडिंग योजना के तहत बिहार को 500 मेगावाट आवर क्षमता का स्टोरेज सिस्टम लगाने की मंजूरी मिली है। इसके लिए बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी ने खुली निविदा के जरिए छह कंपनियों का चयन किया। यह परियोजना बिहार में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा कदम है।
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