Ranchi : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक अहम बयान साझा किया है। उन्होंने बिहार में चल रही SIR (सस्पेक्टेड इनफिल्ट्रेशन रिव्यू) प्रक्रिया को लेकर चल रही चर्चाओं पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
चंपाई सोरेन ने लिखा, “बिहार में #SIR के दौरान 35 लाख नाम कटने की बात कही जा रही है। लेकिन इनमें से 35 लोग भी सामने आकर शिकायत क्यों नहीं कर रहे? क्योंकि उन्हें अपना सच पता है।”
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जब आम लोगों को कोई दिक्कत नहीं है, तो सिर्फ 2-4 नेताओं को ही क्यों परेशानी हो रही है? क्या ये नेता विदेशी घुसपैठियों और रोहिंग्याओं के बल पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे?
बिहार में #SIR के दौरान 35 लाख नाम कटने की बात कही जा रही है। इनमें से 35 लोग भी सामने आकर शिकायत क्यों नहीं कर रहे? क्योंकि उन्हें अपना सच पता है।
सिर्फ 2-4 नेताओं को परेशानी क्यों है? तो क्या ये लोग विदेशी घुसपैठियों और रोहंगियों के बल पर चुनाव की तैयारी कर रहे थे?
झारखंड…
— Champai Soren (@ChampaiSoren) August 22, 2025
पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि झारखंड में भी SIR की प्रक्रिया जरूरी है, ताकि राज्य में अवैध घुसपैठ को रोका जा सके और मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित की जा सके।
क्या है SIR प्रक्रिया?
SIR (Suspected Infiltration Review) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें मतदाता सूची की गहन जांच की जाती है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सूची में कोई अवैध घुसपैठिया या विदेशी नागरिक तो नहीं शामिल है। बिहार में यह प्रक्रिया फिलहाल चर्चा का विषय बनी हुई है, जहां लाखों नामों के हटने की बात कही जा रही है।
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