बिरसा मुंडा जेल में कौन सा छिपा ऐसा है राज, जहां भगवान ने जीवन के अंतिम दिनों में गुजारी थी आखिरी रात

Joharlive Team

रांची। रांची के जिस जेल में अंग्रेजों ने भगवान बिरसा मुंडा को रखा और जहां उनकी मृत्यु हुई, उस बिरसा मुंडा कारा को भगवान बिरसा की याद में केंद्र सरकार और राज्य सरकार के द्वारा म्यूजियम का रूप दिया जा रहा है। इस जेल में भगवान बिरसा मुंडा की कई यादें जुड़ी हुई हैं, जिन यादों को अब सरकार के द्वारा म्यूजियम का रूप दिया जा रहा है। म्यूजियम में भगवान बिरसा मुंडा की 25 फीट की प्रतिमा के साथ-साथ उनसे जुड़ी सभी यादों को संजोया गया है, साथ ही भारत की आजादी के समय जितने लोग शहीद हुए थे, उनकी भी प्रतिमा इस म्यूजियम में लगाई गई है। यहां थिएटर रूम भी बनाया गया है जिसमें भगवान बिरसा मुंडा के जीवन पर बनी फिल्म भी दिखाई जाएगी।

म्यूजियम को लेकर झारखंड सरकार के सचिव अमिताभ कौशल का कहना है कि ‘इस म्यूजियम के द्वारा भगवान बिरसा मुंडा की लाइफ को दिखाने का प्रयास किया है’। सरकार की मंशा है कि आने वाली पीढ़ी के युवा अपनी पुरानी विरासत और धरोहर को जानेंगे और उन्हें अपने जीवन में आदर्श के रूप में अपना सकेंगे। वहीं, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडाने कहा कि ‘जेल परिसर झारखंड की एक धरोहर है, म्यूजियम के जरिए लोग भगवान बिरसा मुंडा के जीवन के बारे में जान सकेंगे कि कैसे उन्होंने अपने संघर्ष की बदौलत जल, जंगल, जमीन की लड़ाई को निरंतर जारी रखा. भगवान बिरसा मुंडा स्वतंत्रता सेनानी और एक महान योद्धा थे. उन्होंने अंग्रेजो के खिलाफ लड़ाई लड़ी है’। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि संभवत 12 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ भगवान बिरसा मुंडा संग्रहालय का उद्घाटन होगा।

जानकारी के अनुसार, इस जेल में भगवान बिरसा मुंडा ने अपने जीवन के आखिरी दिन काटे थे और यहीं, 9 जून 1900 में उनकी की मृत्यु हो गई थी। अंग्रेजों ने भगवान बिरसा मुंडा की मौत की वजह डायरिया बताई थी. वहीं, लोगों की मानें तो उन्हें धीमा जहर देकर मारा गया था। उनकी याद में 150 साल पुराने इस जेल में जीर्णोद्धार का कार्य किया जा रहा है, पूरे कैंपस में जहां-जहां खुली जगह है, उसे खूबसूरत गार्डन के तौर पर विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा यहां लाइट और साउंड की भी व्यवस्था की जा रही है ताकि इसके जरिए यहां पर आने वाले लोगों को जेल और भगवान बिरसा मुंडा के इतिहास के बारे में बताया जा सके। बिरसा मुंडा पुराने जेल परिसर के प्रथम तल्ले के चार कमरों में से एक कमरे में भगवान बिरसा मुंडा के जीवन के अभिलेख को भी दर्शाया जाएगा।