Jamui : जमुई के प्रशासनिक हलकों में उस समय हड़कंप मच गया, जब निगरानी विभाग की एक विशेष टीम ने अचानक छापेमारी की। यह छापेमारी मत्स्य विभाग के कार्यालय की गई। पटना से आई निगरानी विभाग की टीम ने शुक्रवार की सुबह करीब 11 बजे समाहरणालय के पास स्थित मत्स्य विभाग के दफ्तर में यह कार्रवाई की, जिससे अधिकारियों और कर्मचारियों में अफरा-तफरी मच गई।
मिली जानकारी के अनुसार यह छापेमारी गुप्त सूचना के आधार पर की गई। निगरानी विभाग को लंबे समय से मत्स्य विभाग में भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतें मिल रही थीं। कार्रवाई के दौरान टीम ने दो कर्मचारियों को हिरासत में लिया और उनसे पूछताछ शुरू की। हालांकि, निगरानी विभाग की ओर से अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों और फाइलों की जांच की गई, जिनमें सरकारी योजनाओं के तहत किए गए खर्च, खरीदारी और भुगतान से संबंधित रिकॉर्ड शामिल हैं। प्रारंभिक जांच में कुछ लेन-देन संदिग्ध पाए गए हैं, जिनकी अब विस्तृत जांच की जा रही है। इस कार्रवाई ने न केवल मत्स्य विभाग, बल्कि जिले के अन्य सरकारी कार्यालयों में भी खलबली मचा दी है। अधिकारी और कर्मचारी अपने पुराने रिकॉर्ड खंगालने में जुट गए हैं, और कई कार्यालयों में अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह छापेमारी राज्य सरकार की ‘भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस’ नीति का हिस्सा है। यह कार्रवाई दर्शाती है कि निगरानी विभाग अब पहले से कहीं अधिक सक्रिय और सजग है। सरकारी कार्यालयों में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित न होने पर ऐसी कार्रवाइयों की संख्या बढ़ सकती है। निगरानी विभाग की नजर न केवल रिश्वतखोरों पर है, बल्कि सरकारी दफ्तरों में अनियमितता कर अवैध कमाई करने वालों पर भी है।
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