Johar Live Desk : अमेरिका ने भारत के लिए एक महत्वपूर्ण हथियार सौदे को मंजूरी दे दी है। इस समझौते के तहत भारत को 100 ‘जैवेलिन’ एंटी-टैंक मिसाइलें, 25 हल्के कमांड लॉन्च यूनिट और 216 ‘एक्सकैलिबर’ प्रिसिजन आर्टिलरी राउंड मिलेंगे। अमेरिका की डिफेंस सिक्योरिटी कोऑपरेशन एजेंसी (DSCA) ने इसकी जानकारी अमेरिकी कांग्रेस को भेज दी है, जो इस प्रक्रिया का जरूरी हिस्सा है।
भारत को क्या मिलेगा?
इस पैकेज में 100 FGM-148 जैवेलिन मिसाइलें, 25 लॉन्च यूनिट, 216 एक्सकैलिबर आर्टिलरी राउंड और इनके इस्तेमाल, रखरखाव और ट्रेनिंग से जुड़े सभी सपोर्ट शामिल हैं।
The State Department has made a determination approving a possible Foreign Military Sale to India of Excalibur Projectiles and related equipment for an estimated cost of $47.1 million. The Defence Security Cooperation Agency delivered the required certification notifying… pic.twitter.com/EVCgfudI5o
— ANI (@ANI) November 20, 2025
अमेरिका का बयान
DSCA ने कहा कि यह सौदा अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेगा और भारत की रक्षा क्षमता बढ़ाएगा। इससे भारत भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में सक्षम होगा। एजेंसी ने यह भी बताया कि भारत इन आधुनिक हथियारों का उपयोग आसानी से कर सकेगा।

क्षेत्रीय संतुलन पर असर नहीं
अमेरिका ने साफ किया कि यह हथियार बिक्री दक्षिण एशिया के सैन्य संतुलन को प्रभावित नहीं करेगी। इस सौदे में फिलहाल कोई ऑफसेट व्यवस्था नहीं है; जरूरत पड़ने पर भारत और निर्माता कंपनियों के बीच अलग से तय की जाएगी।
जैवेलिन मिसाइल क्यों खास?
यह कंधे से दागी जाने वाली दुनिया की सबसे उन्नत एंटी-टैंक मिसाइलों में शामिल है।
टॉप-अटैक मोड में ऊपर से हमला करती है, जहां टैंक का कवच कमजोर होता है।
सॉफ्ट लॉन्च सिस्टम होने से इसे बंद जगहों से भी दागा जा सकता है।
यूक्रेन युद्ध में रूसी टैंकों को निशाना बनाने में इसकी भूमिका चर्चा में रही।
एक्सकैलिबर आर्टिलरी राउंड क्या करते हैं?
ये GPS-गाइडेड राउंड होते हैं, जो लक्ष्य पर बहुत सटीक वार करते हैं और आसपास की क्षति कम होती है। भारत पहले भी इस तकनीक का उपयोग कर चुका है।
अब कांग्रेस के पास इस सौदे की समीक्षा करने का समय है। यदि कोई आपत्ति नहीं हुई, तो यह सौदा अंतिम रूप लेगा और भारत को हथियारों की आपूर्ति शुरू हो जाएगी।

