Chatra (Piparwar) : सीसीएल की पिपरवार क्षेत्र स्थित अशोक ओपेन कास्ट परियोजना में इस समय गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है। परियोजना के विस्तार के लिए भूमि उपलब्ध न होने से जहाँ प्रबंधन पहले ही चिंतित है, वहीं उससे भी अधिक चिंताजनक यह तथ्य है कि तैयार किया गया हजारों टन कोयला आग की भेंट चढ़ रहा है।
परियोजना के 83 नंबर कोयला स्टॉक (सैनिक पैच) में पिछले कई दिनों से आग लगी हुई है। कोयला लगातार धू-धू कर जल रहा है और आग का दायरा धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। इससे बड़ी मात्रा में कोयला राख में तब्दील हो रहा है। इसके बावजूद अधिकारी स्थिति की गंभीरता को लेकर उदासीन नजर आ रहे हैं।
स्थानीय मजदूरों का कहना है कि कोयला भंडार में लगी आग की जानकारी प्रबंधन को है, फिर भी कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। मजदूरों का आरोप है कि जानबूझकर आग को बुझाने में लापरवाही बरती जा रही है, ताकि कागज़ों में उत्पादन को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जा सके और बाद में “कोयला जलने” का हवाला देकर आंकड़े समायोजित किए जा सकें।


मजदूर यह सवाल भी उठा रहे हैं कि यदि उत्पादन का उपयोग या विक्रय नहीं किया जाना था, तो कोयला भंडार क्यों किया गया? आखिर किस अधिकारी की लापरवाही से इतना कीमती कोयला आग की भेंट चढ़ रहा है? और क्या ऐसे जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए?
स्थानीय लोगों और मजदूरों ने उच्च अधिकारियों से मांग की है कि वे स्वयं स्थल का दौरा कर स्थिति का आकलन करें और तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करें, क्योंकि लगातार जलता कोयला न केवल आर्थिक हानि पहुँचा रहा है, बल्कि पर्यावरणीय खतरा भी बढ़ा रहा है।
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