Ranchi : झारखंड सहित पूरे देश में ITI (इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट) संस्थानों की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। कई ट्रेड्स में लगातार छात्रों की कमी देखी जा रही है, जिसके कारण नामांकन नहीं हो पा रहा है। भारत सरकार के कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय ने ऐसे ट्रेड्स को बंद करने का निर्णय लिया है, जिनमें पिछले तीन साल से शून्य नामांकन हुआ है।
झारखंड में 125 संस्थानों को नहीं मिल रहे विद्यार्थी
राज्य के 125 ITI संस्थानों में इलेक्ट्रिशियन, फीटर, डीजल मैकेनिक, कम्प्यूटर ऑपरेटर एंड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट जैसे प्रमुख कोर्स में एक भी छात्र ने एडमिशन नहीं लिया है। इनमें रांची के 35, पलामू के 23, पश्चिमी सिंहभूम के 20, बोकारो के 12 और अन्य जिलों के संस्थान शामिल हैं।
मंत्रालय ने भेजा कारण बताओ नोटिस
डीजीटी (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ ट्रेनिंग) ने इन संस्थानों को कारण बताओ नोटिस भेजा है और जवाब मांगा है। संस्थानों के जवाब और भौतिक सत्यापन के आधार पर तय होगा कि संबंधित कोर्स को 2025-26 सत्र में जारी रखने की अनुमति दी जाए या नहीं।
कोर्स की मान्यता रद्द करने की तैयारी
एनसीवीटी (नेशनल काउंसिल फॉर वोकशनल ट्रेनिंग) के अनुसार, यदि किसी कोर्स में दो साल से अधिक समय तक नामांकन नहीं होता है, तो उसकी मान्यता रद्द की जा सकती है। झारखंड के दर्जनों आईटीआई में ऐसे हालात तीन साल से बने हुए हैं।
देशभर में खाली सीटों की स्थिति
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देशभर के 669 आईटीआई में 4718 यूनिट्स हैं, जिनमें करीब एक लाख सीटें (99,196) बीते तीन वर्षों से खाली हैं।
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