धनबाद : विकास का रास्ता रोक रहा था पहाड़, गांव वालों ने उठाया हथौड़ा और चीरकर बना डाली सड़क

Joharlive Team

धनबाद। अपने दम पर पहाड़ का सीना काटकर रास्ता बनाने वाले बिहार के दशरथ मांझी की कहानी तो आपने सुनी ही होगी। झारखंड के धनबाद में भी ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां कुछ ग्रामीणों ने पहाड़ काटकर रास्ता बनाया है। पूरा मामला धनबाद के टुंडी विधानसभा क्षेत्र स्थित गंगापुर गांव का है। यहां के ग्रामीणों ने यह साबित कर दिखाया कि देश में ‘दशरथ मांझी’ की कमी नहीं है। बिना किसी सरकारी मदद के ही गांव के लोगों ने मिलकर महज एक महीने में पहाड़ काटकर दो किलोमीटर की सड़क बना डाली।

टुंडी विधानसभा क्षेत्र में पड़ने वाले इस गंगापुर गांव के लोगों का मुख्य पेशा मजदूरी है। लॉकडाउन में कई प्रवासी मजदूर जब अपने गांव लौटे तो उनके समक्ष रोजगार का संकट था। इस गांव के लोगों को रोजगार के लिए गिरिडीह सीमा में प्रवेश करना पड़ता है। धनबाद और गिरिडीह के बीच पड़ने वाले राज बांस पहाड़ के कारण ग्रामीणों को गिरिडीह जाने के लिए अपने गांव से चालीस किलोमीटर का सफर तय करना पड़ रहा था।

कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच 27 मार्च को गांव के कुछ युवाओं ने बैठक की, जिसमें पहाड़ काटकर रास्ता बनाने का फैसला किया। उनका यह फैसला परवान भी चढ़ गया। 29 मार्च से उन्होंने पहाड़ काटने का काम शुरू कर दिया। ग्रामीणों ने बताया रोजाना सौ लोग पहाड़ काटने में लग जाते थे। बड़ी बात ये है कि लोगों ने इस रास्ते को तैयार करने में किसी भारी मशीनों का इस्तेमाल नहीं किया, बल्कि फावड़े और दूसरे औजारों से ही इसे आगे बढ़ाया।

ग्रामीणों का कहना है कि रास्ता बनने से रोजगार के लिए अब मिलों पैदल नहीं चलना पड़ेगा। अब दो किमी. की दूरी तय कर गिरिडीह सीमा में प्रवेश कर सकते हैं। रास्ता बनने से अस्पताल आने-जाने की परेशानी का भी समाधान हो गया है। यह सड़क दस फीट चौड़ी है। जिसमें वाहन, बैलगाड़ी, दो पहिया का आसानी से आवागमन हो सकेगा। गांव के लोग अब इस सड़क के पक्का होने की उम्मीद सरकार और प्रशासन से कर रहे हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि बिना सरकारी मदद के ही पहाड़ काटकर दो किमी. सड़क का निर्माण कर दिया है। अब प्रशासन से उनकी एक ही मांग है कि सरकार उनके बनाए कच्चे रास्ते को पक्का बना दे जिससे बारिश के दिनों में उन्हें परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। ग्रामीणों के मुताबिक, मॉनसून के इस घड़ी में बारिश की वजह से सड़क की मिट्टी भुरभुरी होकर रास्ता छोड़ रही है। रास्ता पक्का होने से जमीन ठोस रहेगी और फिर कोई परेशानी नहीं होगी।