Sarhasa : सहरसा जिले से शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. जहां एक मृत संविदा शिक्षक के खाते में उसकी मृत्यु के बाद भी 13 महीने तक सैलरी जमा होता रहा. मृतक शिक्षक की शिनाख्त महिषी प्रखंड के मध्य विद्यालय डुमरी में कार्यरत राम प्रसाद रौशन के तौर पर की गई है. जिनका निधन 22 दिसंबर 2023 को हो गया था. इसके बावजूद फरवरी 2025 तक उनके बैंक खाते में वेतन भेजा जाता रहा.
यह मामला तब सामने आया जब मार्च 2025 में नवनियुक्त प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (BEO) सबिता कुमारी ने इस अनियमितता की जानकारी जिला शिक्षा पदाधिकारी (BEO) को पत्र लिखकर दी और मामले की जांच की मांग की. इसके बाद विभाग हरकत में आया और चार पूर्व BEO को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. इनमें से तीन अधिकारी पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं — सत्य प्रसाद सिंह, विद्यानंद तिवारी और संजय कुमार. चौथे अधिकारी रजनीश कुमार झा, जो उस समय महिषी के BEO का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे थे, फिलहाल सारण में DPO के पद पर कार्यरत हैं.
मिली जानकारी के अनुसार मृत शिक्षक की मृत्यु की सूचना तत्कालीन प्रधानाध्यापक अजीत राय द्वारा विभाग को अगले ही दिन दे दी गई थी. फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई और वेतन निर्बाध रूप से जारी रहा. शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस लापरवाही को “सिर्फ भूल नहीं, बल्कि गंभीर चूक” बताते हुए विभाग की व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं. जिला कार्यक्रम अधिकारी (स्थापना) संजय कुमार ने बताया कि संबंधित अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है और उनके जवाबों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. हालांकि, जिला शिक्षा पदाधिकारी अनिल कुमार से संपर्क करने की कोशिशें नाकाम रहीं.
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