रांची : राज्य सरकार ने झारखंड में निकाय चुनाव कराने के लिए इस संबंध में अब तक कोई फैसला नहीं लिया है. मालूम हो कि झारखंड में निकाय चुनाव की तारीख घोषित करने के लिए हाइकोर्ट द्वारा दी गयी तीन सप्ताह की मियाद 25 जनवरी को समाप्त हो गयी. बता दें कि बीते 4 जनवरी को झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को नगर निकायों के चुनाव की तारीखों का ऐलान तीन हफ्ते के भीतर करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि चुनाव नहीं करा कर राज्य सरकार ने संवैधानिक और स्थानिक ब्रेकडाउन किया है. बावजूद इसके न्यायालय के आदेश का पालन राज्य सरकार के लिए अब तक संभव नहीं हो सका है.
1600 करोड़ रुपये का अनुदान फंसा
राज्य में नगर निकाय चुनाव में विलंब का खामियाजा विकास कार्यों पर पड़ रहा है. नगर निकाय चुनाव नहीं होने की वजह से 15वें वित्त आयोग की ओर से मिलनेवाले अनुदान से राज्य को वंचित होना पड़ रहा है. 15वें वित्त आयोग से झारखंड सरकार को लगभग 1600 करोड़ रुपये का अनुदान फंस गया है. यह राशि राज्य के शहरों के विकास व नागरिक सुविधाएं विकसित करने के लिए राज्य को मिलनी है. मालूम हो कि राज्य के 13 नगर निकायों में तीन वर्षों से अधिक समय से और शेष निकायों में गत साल अप्रैल महीने से नगर निकाय चुनाव लंबित है. वर्तमान में नगर निकायों का संचालन जनप्रतिनिधियों की जगह प्रशासनिक पदाधिकारियों के माध्यम से कराया जा रहा है. जिससे निकाय प्रशासन में जनता की कोई भागीदारी सुनिश्चित नहीं हो पा रही है.