Patna : पटना में शनिवार की सुबह कुछ अलग ही नज़ारा देखने को मिला नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बिना किसी पूर्व सूचना के मोइनुल हक स्टेडियम के पास साइंस सेंटर के बाहर पहुंच गए। वहां रोज़ाना की तरह बड़ी संख्या में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र मौजूद थे। तेजस्वी ने छात्रों से अनौपचारिक बातचीत की और उनकी समस्याओं को ध्यान से सुना।
छात्रों ने खुलकर बताया कि पिछले कुछ वर्षों में बिहार में पेपर लीक की घटनाएं आम हो चुकी हैं। इसके कारण मेहनती छात्रों का मनोबल टूटता है। कई छात्रों ने बहाली प्रक्रिया की धीमी रफ्तार पर भी नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा कि परीक्षा देने के बाद रिजल्ट और नियुक्ति आने में सालों लग जाते हैं, जिससे उनका भविष्य अधर में लटक जाता है।
छात्रों की बातों पर प्रतिक्रिया देते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि यह सारी समस्याएं मौजूदा व्यवस्था की विफलता का संकेत हैं। उन्होंने कहा, “बिहार का नौजवान आज सबसे ज्यादा परेशान है। शिक्षा और भर्ती व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। यह सिस्टम अब बदलना होगा।”

तेजस्वी ने वादा किया कि अगर उन्हें मौका मिला तो सबसे पहले शिक्षा व्यवस्था को सुधारने और भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने पर जोर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि हर भर्ती परीक्षा का एक फिक्स्ड कैलेंडर होगा और पेपर लीक जैसी घटनाओं पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बातचीत के दौरान छात्रों ने तेजस्वी के सामने पटना में कोचिंग फीस की बढ़ोतरी, मकान किराए की समस्या और परीक्षा केंद्रों की अव्यवस्था जैसे मुद्दे भी रखे। तेजस्वी ने उन्हें भरोसा दिलाया कि उनकी मेहनत और संघर्ष को बेकार नहीं जाने दिया जाएगा।
मुलाकात के बाद कई छात्रों ने तेजस्वी यादव के साथ तस्वीरें खिंचवाईं और उनकी इस पहल की सराहना की। तेजस्वी ने कहा कि उनकी “बदलाव यात्रा” का मकसद ही यही है जनता, खासकर युवाओं से सीधे जुड़ना और उनकी आवाज़ को मुख्यधारा की राजनीति में शामिल करना।
यह मुलाकात छात्रों के लिए सिर्फ एक बातचीत नहीं, बल्कि एक उम्मीद की तरह थी कि आने वाले समय में शिक्षा और रोजगार को लेकर बिहार में कुछ ठोस बदलाव जरूर होंगे।
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