Muzaffarpur : सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं मिलने से नाराजगी बढ़ती जा रही है। जिले के कई प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (BEO) वेतन बिल समय पर जमा नहीं कर रहे हैं, जिससे शिक्षकों का वेतन अटक गया है।
इसको लेकर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी(स्थापना) इंद्र कुमार कर्ण ने सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि 24 घंटे के अंदर जवाब देना अनिवार्य है, वरना कार्रवाई तय है।
जानकारी के अनुसार, पिछले छह महीने में पांच बार चेतावनी देने के बावजूद अधिकतर प्रखंडों ने वेतन बिल जमा नहीं किए हैं। हालांकि मुशहरी और मोतीपुर प्रखंड ने समय पर बिल जमा कर दिए हैं, लेकिन बाकी जगहों पर लापरवाही बनी हुई है। इसलिए इन दो प्रखंडों को छोड़कर बाकी सभी प्रखंडों का वेतन भुगतान रोकने का आदेश जारी कर दिया गया है।
इंद्र कुमार कर्ण ने कहा कि यह स्थिति उच्च अधिकारियों के आदेश की अनदेखी और शिक्षकों के हितों के प्रति उदासीनता को दिखाती है। इधर, परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के तिरहुत प्रभारी लखन लाल निषाद ने कहा कि सिर्फ वेतन रोकने से समाधान नहीं होगा। उन्होंने सुझाव दिया कि जब तक वेतन वृद्धि पर रोक नहीं लगेगी, तब तक अधिकारी लापरवाही नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने प्रशासन से शिक्षकों को समय पर वेतन दिलाने और इस समस्या का स्थायी हल निकालने की अपील की है।
यह मामला शिक्षा विभाग में अनुशासन और जवाबदेही की जरूरत को उजागर करता है। शिक्षकों को समय पर वेतन न मिलना न केवल उनके जीवन पर असर डालता है, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता पर भी इसका बुरा असर पड़ता है।
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