Patna : बिहार के पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद हत्याकांड में दोषी पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी को बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने इस हत्याकांड के दोषी मुन्ना शुक्ला की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है. इसके साथ ही, कोर्ट ने सजा के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि इसमें कोई उचित मामला नहीं बनता. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने 6 मई, 2025 के फैसले में यह स्पष्ट किया कि पुनर्विचार का कोई आधार नहीं है. इससे पहले, पिछले साल कोर्ट ने हाईकोर्ट के 2014 के फैसले को पलटते हुए, आरोपियों मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी को उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
यह मामला 1998 में बिहार के दिग्गज नेता बृज बिहारी प्रसाद की हत्या से जुड़ा हुआ है. बृज बिहारी प्रसाद उस समय बिहार सरकार में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री थे और उन्हें दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उनकी हत्या पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान केंद्र अस्पताल में हुई थी, जब वे स्वास्थ्य जांच के लिए वहां भर्ती थे.
इस मामले में पहले निचली अदालत ने 2009 में 8 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. जिनमें सूरजभान सिंह और मुन्ना शुक्ला सहित अन्य शामिल थे. हालांकि, 2014 में पटना हाईकोर्ट ने सभी आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. इसके बाद, बृज बिहारी प्रसाद की पत्नी रमा देवी और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले ने इस मामले में न्याय की प्रक्रिया को सही दिशा में आगे बढ़ाया है, जबकि सूरजभान सिंह और राजन तिवारी जैसे कुछ अन्य आरोपियों को बरी कर दिया गया है.
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