Patna : बिहार ने पुलों की सुरक्षा और दीर्घकालिक उपयोगिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। राज्य सरकार ने ब्रिज मेंटेनेंस पॉलिसी 2025 लागू कर देश का पहला राज्य बनने का गौरव प्राप्त किया है। इस पहल के तहत बिहार राज्य पुल निर्माण निगम ने IIT पटना और IIT दिल्ली के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता किया है। इस समझौते के तहत IIT पटना दक्षिण बिहार के 45 बड़े पुलों का और IIT दिल्ली उत्तर बिहार के 40 पुलों का स्ट्रक्चरल और सेफ्टी ऑडिट करेगा। पहले चरण में 250 मीटर से अधिक लंबाई वाले 85 प्रमुख पुलों का हेल्थ कार्ड तैयार किया जाएगा।
पटना में आयोजित एक समारोह में पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन की उपस्थिति में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। ऑडिट कार्यों में ड्रोन कैमरे, सेंसर और नॉन-डिस्ट्रक्टिव टेस्टिंग तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। इस प्रक्रिया के अंतर्गत ब्रिज हेल्थ इंडेक्स और मेंटेनेंस प्रायोरिटी इंडेक्स तैयार किया जाएगा, जो मरम्मत और रेट्रोफिटिंग की प्राथमिकता तय करेंगे। पथ निर्माण विभाग ने इस परियोजना के लिए 17 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी है। ऑडिट में भौतिक निरीक्षण, डिजिटल इमेजिंग और लोड टेस्ट शामिल होंगे जिससे पुलों की सटीक स्थिति का आकलन किया जा सकेगा।
पथ निर्माण मंत्री ने जानकारी दी कि पिछले 18 वर्षों में 3,968 छोटे-बड़े पुलों का निर्माण हुआ है, जिनमें 532 मेगा और प्रमुख पुल शामिल हैं। नियमित निरीक्षण और रखरखाव के अभाव में हादसों और यातायात बाधाओं की आशंका बनी रहती है। हाल के वर्षों में कई पुलों के ढहने की घटनाएं हुई हैं, जिसने इस पहल को और जरूरी बना दिया। ऑडिट प्रक्रिया में शामिल विशेषज्ञों में IIT पटना से डॉ. वैभव सिंघल और डॉ. अरविंद के झा, तथा IIT दिल्ली से डॉ. अर्पित जैन और डॉ. सुप्रतीक गुप्ता प्रमुख हैं। इसके साथ ही 600 इंजीनियरों को भौतिक निरीक्षण के लिए प्रशिक्षित किया गया है।
खास बात यह है कि आरा-छपरा और अरवल-साहर जैसे मेगा पुलों के लिए रियल-टाइम स्ट्रक्चरल हेल्थ मॉनिटरिंग का प्रस्ताव IIT दिल्ली से मांगा गया है। साथ ही समस्तीपुर स्थित बैरियाहाटी घाट पुल का डिजिटल सेफ्टी ऑडिट गुरुग्राम की एक निजी कंपनी द्वारा पहले ही किया जा चुका है।
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