Joharlive Desk : गंगा सप्तमी एवं भानु सप्तमी के अवसर पर श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में विविध आध्यात्मिक आयोजन किए जा रहे हैं। मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र ने जानकारी दी कि रविवार प्रात ललिता घाट पर गंगाभिषेक तथा गंगा मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी। सायंकाल में मंदिर चौक स्थित शिवार्चनम मंच से मां गंगा और भगवान शिव की स्तुति में भजन संध्या का आयोजन होगा, जिसमें संगीतमय प्रस्तुतियों द्वारा भक्तों को आध्यात्मिक अनुभूति प्रदान की जाएगी।
हालाँकि गंगा सप्तमी का पर्व शनिवार को मनाया गया, रविवार को भानु सप्तमी का विधान रहेगा। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. विनय कुमार पांडेय के अनुसार, वैशाख शुक्ल सप्तमी जब अपराह्न व्यापिनी हो, तभी गंगा सप्तमी मनाई जाती है। इसी दिन मां गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था। शनिवार को अपराह्न व्यापिनी सप्तमी होने के कारण गंगा सप्तमी मनाई गई।
वहीं, रविवार को उदया तिथि में सप्तमी होने से भानु सप्तमी मानी जाएगी। यह तिथि सूर्य देव को समर्पित होती है। इस दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करना, आदित्यहृदय स्तोत्र तथा सूर्य मंत्रों का जाप करना विशेष फलदायी होता है। इससे रोग-शोक का नाश होता है, आरोग्यता, यश और कीर्ति की प्राप्ति होती है।
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