Ranchi : रिम्स (RIMS) में येलो फीवर वैक्सीनेशन की सुविधा शुरू होने के बाद से अब तक कुल 942 लोगों को यह वैक्सीन लगाई जा चुकी है। यह टीका खासतौर पर उन यात्रियों के लिए जरूरी है जो अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका जैसे देशों की यात्रा करते हैं, क्योंकि इन क्षेत्रों में येलो फीवर संक्रमण का जोखिम अधिक होता है।
रिम्स की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, अक्टूबर 2023 से जुलाई 2025 तक वैक्सीनेशन करवाने वाले सभी लोगों को वैध सर्टिफिकेट भी जारी किया गया है, जो अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए आवश्यक होता है।
येलो फीवर वैक्सीनेशन सेंटर के नोडल अधिकारी ने बताया कि वैक्सीन लेने वाले अधिकतर लोग विदेश यात्रा पर जाने वाले यात्री हैं। उन्होंने कहा कि यह टीका न केवल व्यक्ति को संक्रमण से सुरक्षा देता है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमों (IHR) के तहत भी अनिवार्य है।

हर महीने कितने लोगों को लगी वैक्सीन?
रिम्स द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, शुरुआत से अब तक हर महीने अलग-अलग संख्या में लोगों को वैक्सीन लगाई गई है।
उदाहरण के तौर पर
- दिसंबर 2023 में 37,
- फरवरी 2024 में 62,
- मई 2025 में सबसे अधिक 96 लोगों को टीका लगाया गया।
- वहीं, अप्रैल 2025 में किसी को वैक्सीन नहीं लगी।
क्या है येलो फीवर?
रिम्स मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. बी. कुमार के अनुसार, येलो फीवर एक वायरल बीमारी है जो मच्छर के काटने से फैलती है। इसके लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीलिया और उल्टी शामिल हो सकते हैं। यदि समय पर इलाज न हो, तो यह बीमारी जानलेवा भी हो सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यात्रा से पहले टीकाकरण करवा लेने से इस बीमारी से पूरी तरह बचाव संभव है और किसी भी देश में प्रवेश के समय दिक्कत नहीं आती।