Patna : पटना के मशहूर व्यवसायी गोपाल खेमका की हत्या ने पूरे बिहार में हड़कंप मचा दिया है। इस सनसनीखेज मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। 36 घंटे बीतने के बाद भी मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है, जिससे पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।
डिप्टी CM का बयान
डिप्टी CM सम्राट चौधरी ने इस हत्याकांड को सरकार के लिए चुनौती बताया। उन्होंने कहा कि CM नीतीश कुमार ने सख्त निर्देश दिए हैं कि अपराधी चाहे कहीं भी छिपे हों, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। चौधरी ने भरोसा जताया कि बिहार पुलिस व्यवसायियों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।
बेउर जेल में छापेमारी
गोपाल खेमका हत्याकांड की जांच के सिलसिले में पटना के बेउर जेल में बड़ी छापेमारी की गई। इस दौरान तीन मोबाइल फोन और अन्य प्रतिबंधित सामग्री बरामद हुई। ड्यूटी में लापरवाही के आरोप में तीन कक्षपालों अंतोष कुमार सिंह, आशीष कुमार और ओम कुमार गुप्ता को निलंबित कर दिया गया। साथ ही, जेल के अन्य अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। छापेमारी में करीब 100 कैदियों से पूछताछ की गई, जो जांच को नई दिशा दे सकती है।
पुलिस की नाकामी पर सवाल
36 घंटे बाद भी मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने से पटना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। पटना प्रक्षेत्र के आईजी जितेंद्र राणा ने बताया कि SIT इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। पुलिस ने पटना और आसपास के इलाकों में छापेमारी तेज कर दी है और कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।
खेमका परिवार पर दूसरा हमला
यह पहली बार नहीं है जब खेमका परिवार निशाना बना हो। सात साल पहले गोपाल खेमका के बेटे की भी हत्या हुई थी। अब गोपाल खेमका की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या ने कानून व्यवस्था और अपराधियों के बढ़ते हौसले को उजागर किया है।
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